
पंजाब के विधानसभा चुनावों से पहले ही कॉंग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के चचेरे भाई जसविंदर सिंह धालीवाल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। चंडीगढ़ में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मंगलवार को जसविंदर को पार्टी में शामिल कराया। इससे पहले भी कॉंग्रेस के कई बड़े नेता भाजपा का दामन थाम चुके हैं।
चन्नी के भाई का भाजपा में शामिल होना कैसे कांग्रेस के लिए झटका है?
पंजाब में जसविंदर सिंह धालीवाल का भाजपा में शामिल होना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है। कांग्रेस चरणजीत सिंह चन्नी को दलित चेहरा बनाकर दलित वोट को साधने की योजना बना रही थी। अब भाजपा को चरणजीत सिंह चन्नी को काउन्टर करने के लिए उन्हीं का चचेरा भाई मिल गया है।
गौर हो कि पंजाब में 32 फीसदी दलित वोट बैंक हैं जिनमें सिख और हिंदू समुदाय के दलित भी शामिल हैं। कांग्रेस चन्नी के सहारे 32 फीसदी वोट बैंक को साधना चाहती थी, परंतु चन्नी इस समय चारों तरफ से घिर गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ाई चन्नी की मुश्किलें
दरअसल, पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए एक समिति का गठन कर दिया है। इस समिति का नेतृत्व रिटायर्ड जज इंदु मल्होत्रा करेंगी। यदि जांच में पंजाब सरकार की तरफ से किसी भी तरह की लापरवाही सामने आती है तो भाजपा इस मुद्दे को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
भाजपा मजबूत स्थिति में
बता दें कि भाजपा को अमरिंदर सिंह और सुखदेव ढींढसा का भी साथ मिल गया है। दोनों ही पंजाब में बड़े लोकप्रिय चेहरे हैं जिससे भाजपा पहले से मजबूत स्थिति में दिखाई दे रही है।
यह भी पढ़ें : पीएम मोदी की सुरक्षा के लिए सवा लाख महामृत्युंजय का जप कर रहे ब्राह्मण
अब भाजपा के पास कांग्रेस के खिलाफ दो बड़े चुनावी मुद्दे भी मिल गए हैं। पहला पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक और दूसरा दलित मतदाताओं को साधने की रणनीति की काट का मिलना। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि पंजाब चुनावों में इसका क्या प्रभाव पड़ता है।
यह भी पढ़ें : SC का बड़ा फैसला, पूर्व जज इंदु मल्होत्रा की अगुवाई में किया चार सदस्यीय कमेटी का गठन
Updated on:
12 Jan 2022 03:39 pm
Published on:
12 Jan 2022 03:37 pm
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
राष्ट्रीय
ट्रेंडिंग
