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Exit Poll: 2018 में राजस्थान, एमपी समेत इन पांच राज्यों कितना सही साबित हुई थी एग्जिट पोल? जानिए सारा गुणा-गणित

कुछ देर में पांच राज्यों में हुए चुनाव को लेकर एग्जिट पोल आपके सामने होगा। लेकिन इससे पहले हम आपको 2018 विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल से रूबरू कराने जा रहे हैं। इससे आप अनुमान लगा पाएंगे कि ये एग्जिट पोल कितने सही होते हैं? जो दावे किए जाते हैं वो कितने सटीक होते हैं?

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गुरुवार शाम 5 बजे तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान समाप्त हो गया। मतदान ख़त्म होते ही राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के एग्जिट पोल आना शुरू हो जाएंगे। 7 नवंबर से पांच राज्यों में मतदान का दौर शुरू हुआ था। सबसे अंत में वोटिंग तेलंगाना में रखा गया था। जैसे ही आज एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आयेंगे, पांचों राज्यों में चुनावी नतीजों की तस्वीर भी लगभग साफ हो जाएगी। लेकिन इसमें सिर्फ अनुमान लगाया जाता है, किस राज्य में कौन पार्टी सरकार बनाएगी, यह रविवार 3 दिसंबर को वोटों की गिनती के बाद ही स्पष्ट होगा

ऐसे थे 2018 में एग्जिट पोल के नतीजे

मध्य प्रदेश का एग्जिट पोल

सभी एग्जिट पोल्स ने 2018 में बताया था कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी है। इस दौरान यहां सीएनएक्स ने कांग्रेस को 89, भाजपा 126 और अन्य को 15 सीटों का अनुमान लगाया था। जो गलत साबित हुई थी। वहीं, न्यूज 24-पेस मीडिया ने कांग्रेस को 115 सीटें, भाजपा 103 सीटें और अन्य को 10 सीटें का एग्जिट पोल किया था। यह लगभग सही रही। जबकि, एबीपी-सी वोटर्स द्वारा कांग्रेस को 126 सीटें और भाजपा को 94 सीटें दी गईं और न्यूज नेशन ने कांग्रेस को 105-109 सीटें, भाजपा 108-112 सीटें और अन्य को 11-15 सीटों का अनुमान जताया था।

नतीजे

रिजल्ट आने पर यहां भाजपा को झटका लगा और पार्टी बहुमत से दूर 109 सीटों पर सिमट गयी। जबकि, कांग्रेस ने 3 चुनाव बाद सत्ता में कदम रखा और अपने नाम 114 सीटें कब्जा किया। 7 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की।

राजस्थान का एग्जिट पोल

2018 के विधानसभा चुनाव में राजस्थान में 199 सीटों पर मतदान हुआ था। यहां हर पांच वर्ष पर सत्ता बदलने की जो रिवाज है वही एग्जिट पोल में भी स्पष्ट रूप से दिखाया गया था। पोल कराने वाली सभी एजंसियों ने भाजपा सरकार जाने और कांग्रेस सरकार के आने अनुमान जताया था। कांग्रेस को उस वक्त आज तक-एक्सिस माय इंडिया ने 130 सीटें दी थीं तो भाजपा को महज 63 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था। सीएनएक्स ने भाजपा को 85 सीटें और कांग्रेस को 105 दी थीं। प्रदीप भंडारी द्वारा संचालित जन की बात के एग्जिट पोल में दोनों पार्टियों के बीच कांटेदार मुकाबला दिखाया गया था और भाजपा को 93 तो कांग्रेस को 91 सीटें दी गई थीं।

रिजल्ट
जब नतीजे सामने आए तो अनुमान के मुताबिक कांग्रेस की सरकार आई। कांग्रेस को राज्य में 99 सीटें और भाजपा को 73 सीटें मिली। मायावती की पार्टी बसपा को 6 सीटें मिली और 20 निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे


छत्तीसगढ़ का एग्जिट पोल

छत्तीसगढ़ में 90 सीटों पर 2018 में मतदान हुआ था। एग्जिट पोल कराने वाली एजेंसी सीएनएक्स ने भाजपा को यहां 46 कांग्रेस को 35 और बसपा को 7 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था। न्यूज 24-पेस मीडिया ने भाजपा को यहां 38, कांग्रेस को 48 सीटें जितने का अनुमान लगाया था। एबीपी ने 2018 में भाजपा को 39 तो कांग्रेस को 46 सीटें दी थीं। वहीं आजतक- एक्सिस माय इंडिया ने कांग्रेस को 55-65 सीटें, भाजपा को महज 21-31 सीटें दी थीं।

रिजल्ट

यहां के नतीजे जब सामने आए तो यहां कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला। कांग्रेस ने एकतरफा जीत हासिल की और पार्टी के 68 उम्मीदवार जीते। भाजपा को यहां करारा झटका लगा और पार्टी को महज 15 सीटों पर संतोष करना पड़ा।

तेलंगाना का एग्जिट पोल

तेलंगाना चुनाव को लेकर सभी एग्जिट पोल में के चन्द्रशेखर राव के नेतृत्व में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार के दोबारा सत्ता में आने का अनुमान जताया गया। 2018 में बीआरएस को टाइम्स नाउ-सीएनएक्स ने 66 सीटें तो कांग्रेस को 37 सीटें दीं थीं। रिपब्लिक-जन की बात के अनुसार के चन्द्रशेखर राव की पार्टी को 58 सीटें तो कांग्रेस-टीडीपी गठबंधन को 45 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था।

रिजल्ट

नतीजे जब सामने आए तब एग्जिट पोल के सभी आंकड़े धरे के धरे रह गए। बीआरएस पार्टी ने सभी पार्टियों का सफाया कर दिया और उसे 88 सीटें मिली थीं, वहीं कांग्रेस 19 सीटों पर सिमट गई। भाजपा का हाल सबसे बुरा रहा और पार्टी को सिर्फ 1 सीट पर संतोष करना पड़ा था।


मिजोरम का एग्जिट पोल

नार्थईस्ट स्टेट मिजोरम में टोटल 40 सीट है। विधानसभा चुनाव के बाद एग्जिट पोल के आंकड़ों में सी वोटर ने कांग्रेस को 14 -18 सीटें, मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) को 16 से 20 सीटें मिलने का अनुमान जताया था। वहीं टाइम्स नाउ-सीएनएक्स ने कांग्रेस को 16 तो एमएनएफ को 18 सीटें दी थीं।

रिजल्ट

नतीजा सामने आने के बाद सारे सारे अनुमान गलत साबित हुए और यहां देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस महज 4 सीटों पर सिमट गई। एमएनएफ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और उसे 27 सीटों पर जीत हासिल हुई। भारतीय जनता पार्टी ने भी यहां एक ही सीट जीती थी।