
बैंक लॉकर से जुड़े नियम (File Photo)
Bank Locker Security: भारत में लोग अपने कीमती सामान जैसे सोना, चांदी, गहने और महत्वपूर्ण दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए बैंक लॉकर का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या हो अगर बैंक लॉकर से आपका सामान चोरी हो जाए? ऐसी स्थिति में मुआवजा कौन देगा और इसके लिए क्या नियम हैं? भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस संबंध में स्पष्ट गाइडलाइन जारी की हुई है। आइए जानते हैं कि लॉकर में चोरी होने पर आपको क्या हक है और बैंक की जिम्मेदारी क्या है।
RBI के 2021 में जारी संशोधित नियमों और बाद में हुए अपडेट्स के अनुसार, अगर बैंक लॉकर में रखा सामान चोरी, आगजनी, डकैती, भवन ढहने या बैंक कर्मचारियों की धोखाधड़ी के कारण नष्ट या गायब होता है, तो बैंक इसके लिए जिम्मेदार होगा। ऐसे मामलों में बैंक को ग्राहक को मुआवजा देना होगा, बशर्ते नुकसान बैंक की लापरवाही या कमी के कारण हुआ हो।
अगर बैंक की लापरवाही प्रुफ होती है, तो ग्राहक को लॉकर के एनुअल किराए का 100 गुना तक मुआवजा मिल सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आपका लॉकर का एनुअल किराया 5,000 रुपये है, तो अधिकतम मुआवजा 5,00,000 रुपये तक हो सकता है। हालांकि, यह राशि ग्राहक के नुकसान की वास्तविक कीमत से कम हो सकती है, क्योंकि लॉकर में रखे सामान का मूल्य अक्सर किराए से कई गुना ज्यादा होता है। बैंक लॉकर में रखे सामान का बीमा नहीं करता, और न ही उसे यह जानने का अधिकार है कि ग्राहक ने लॉकर में क्या रखा है।
हाल ही में कर्नाटक के विजयपुरा जिले में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की एक शाखा में लॉकर से चोरी का मामला सामने आया, जिसने बैंक लॉकरों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशानिर्देशों के अनुसार, यदि चोरी बैंक की लापरवाही या कर्मचारी की धोखाधड़ी के कारण होती है, तो बैंक को लॉकर के वार्षिक किराए का 100 गुना तक मुआवजा देना होगा।
Published on:
17 Sept 2025 04:27 pm
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