
पिछले हफ्ते ही बिहार की सत्ता से बाहर हुई राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपने एक फैसले से सबको चौका दिया। दरअसल पार्टी ने अति पिछड़ा समाज से आने वाले अपने एमएलसी रामबली सिंह चंद्रवंशी की मंगलवार को बिहार विधान परिषद की सदस्यता समाप्त करा दी। RJD के अनुरोध पर दल विरोधी गतिविधियों के लिए विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने उनकी सदस्यता समाप्त करने का आदेश दिया। चंद्रवंशी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू यादव के खिलाफ की गई टिप्पणी पर यह कार्रवाई हुई है।
कभी तेजस्वी को बताया था शराबी
राजद के एमएलसी रहे रामबली सिंह चंद्रवंशी अपने विवादित बयान के लिए जाने जाते रहे हैं। कुछ समय पहले उन्होंने सूबे के डिप्टी सीएम रहे तेजस्वी यादव को सार्वजनिक तौर पर शराबी बता दिया था। एक कार्यक्रम में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा था कि तेजस्वी यादव खुद खराब पीते हैं। ऐसे ही उन्होंने हिंदू धर्म को लेकर विवादित बयान दिया जिसके बाद पार्टी की काफी किरकिरी हुई थी।
पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल थे रामबलि
अति पिछड़ा समाज से आने वाल विधान परिषद में राजद के सचेतक सुनील सिंह ने सभापति को पत्र लिखा कर रामबली सिंह की सदस्यता समाप्त करने की मांग की थी। आरजेडी ने अपने आरोप पत्र में लिखा कि दल की नीति के खिलाफ अति पिछड़ा समाज को खंडित करने के उद्देश्य से तेली, तमोली (चौरसिया) और दांगी जाति को मूल अति पिछड़ा श्रेणी से अलग करने संबंधी बयान दिए। बैनर-पोस्टर लगाकर पदयात्रा एवं सम्मेलन किया। इस कार्यक्रम में न तो दल का चुनाव चिह्न पोस्टर पर लगाया और न ही दल का झंडा लगाए। यही नहीं, जाति आधारित गणना के खिलाफ बयान दिया।
कब-कब क्या हुआ?
दो नवंबर-2023 को सुनील सिंह ने सदस्यता रद्द करने के लिए विधान परिषद में आवेदन दिया था। इसके बाद 15 दिसंबर को रामबली सिंह चंद्रवंशी ने विधान परिषद अध्यक्ष को सफाई दी थी। इसके बाद विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने मामले की सुनवाई की। अब छह फरवरी को सभापति ने फैसला सुनाया है।
Published on:
07 Feb 2024 11:48 am
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