S Jaishankar Attack on Rahul Gandhi: मोदी सरकार के 9 साल पूरा होने के मौके पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज प्रेस ब्रीफिंग की। इस ब्रीफिंग के दौरान मोदी सरकार की उपलब्धियों के साथ-साथ भारत की विदेश नीति की चर्चा की। साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी को नसीहत दी।
S Jaishankar Attack on Rahul Gandhi : कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों अमरीका की यात्रा पर हैं। जहां वो अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं। अमरीका में एक आयोजित एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने भारतीय लोकतंत्र, पीएम मोदी सहित अन्य मुद्दों पर बयानबाजी की थी। राहुल गांधी की बयानबाजी पर अब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने करारा पलटवार किया है। मोदी सरकार के 9 साल पूरा होने के मौके पर विदेश मंत्री एस जयंशकर ने प्रेस ब्रीफिंग की। जिसमें उन्होंने मोदी सरकार की उपलब्धियों के साथ-साथ भारतीय विदेश नीति की चर्चा की। साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी उनके लोकतंत्र वाले बयान पर लपेटा। एस जयशंकर ने राहुल गांधी को नसीदत देते हुए कहा कि देश की राजनीति को बाहर ले जाना गलत है।
देश की राजनीति को बाहर ले जाना देश हित में नहीं
जयशंकर ने राहुल पर कहा कि ये जो पूरा नैरेटिव जो है वो हमारे देश में बना है और जब ये नैरेटिव देश में नहीं चलता है या कम चलता है तो वो उसके वो बाहर ले जाते हैं। उनकी अपेक्षा है कि बाहर सपोर्ट देश में चलेगा। मुझे लगता है कि यहां आम नागरिक, हमारे यहां लोकतंत्र है, आपकी राजनीति कुछ होगी हमारी कुछ होगी। देश में जो करें हमें ऐतराज नहीं है। देश की राजनीति को बाहर ले जाना देश हित में नहीं है। मुझे नहीं लगता उनकी विश्वसनीयता इसके कारण बची होगी।
कोरोना काल और जी-20 समिट पर भी बोले विदेश मंत्री
कोरोना के बुरे हालात की चर्चा करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कोविड के दौरान बहुत से देशों ने अपने नागरिकों को उनके हाल पर छोड़ दिया था। हम कोविड के दौरान फंसे हुए कम से कम 70 लाख लोगों को वापस लाए। जी-20 की अध्यक्षता पर उन्होंने कहा कि हम पहले जी20 अध्यक्ष हैं जिन्होंने अन्य लोगों से परामर्श
करने का प्रयास किया और 125 देशों ने प्रतिक्रिया दी क्योंकि उन्हें हम पर भरोसा है।
रूस यूक्रेन युद्ध पर विदेश मंत्री की प्रतिक्रिया
रूस-यूक्रेन युद्ध से भारत-रूस के संबंध पर पड़े प्रभाव पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि रूस यूक्रेन के युद्ध का अलग-अलग देशों पर अलग प्रभाव है। अब रूस और चीन या और किसी देश पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा वह वे खुद तय करेंगे। 1955 के बाद से विश्व में बहुत कुछ हुआ लेकिन हमारा और रूस का रिश्ता स्थिर रहा है क्योंकि दोनों देश यह समझते हैं कि दोनों बड़े यूरेशियन देश है और पूरे यूरेशिया की स्थिरता हमारे रिश्तों पर निर्भर है।
राहुल ने उठाई थी भारतीय अल्पसंख्यकों की बात
राहुल ने यह भी कहा था कि जिस तरह से आप (मुस्लिम) महसूस कर रहे हैं, मैं गारंटी दे सकता हूं कि सिख, ईसाई, दलित और आदिवासी भी ठीक इसी तरह महसूस कर रहे हैं। आप नफरत को नफरत से नहीं काट सकते, इसे प्रेम के जरिए ही किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि वो नफरत की बाजार में मोहब्बत की दुकान चलाने निकले हैं।
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राहुल गांधी की बयानबाजी और उसपर पटलवार के सियासी मायने
राहुल गांधी की बयानबाजी और उसपर हो रहे पलटवार के सियासी मायने काफी स्पष्ट हैं। देश लोकसभा चुनाव 2024 के मूड में आ चुका है। सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष अपने-अपने दांव चल रहा है। भारत जोड़ो यात्रा के बाद से राहुल गांधी बेहद मुखर होकर केंद्र पर हमला बोल रहे हैं। कर्नाटक में मिली जीत के बाद से राहुल सहित अन्य कांग्रेसी नेताओं का आत्मविश्वास बढ़ा है।
भारत जोड़ो यात्रा के बाद राहुल गांधी ने अपना अंदाज भी बदला है। अब वो लोगों से डायरेक्ट मिल रहे हैं। उनकी सक्रियता बढ़ने का फायदा कांग्रेस को मिला है। ऐसे में राहुल गांधी के बयानों पर भाजपा तुरंत हमला करने से चूक नहीं रही हैं। अमरीका से पहले राहुल ने ब्रिटेन से भी केंद्र सरकार पर हमला बोला था। तब भी उनके बयानों की कड़ी आलोचना की गई थी। इस सियासी तकरार के केंद्र में लोकसभा चुनाव 2024 की सियासी जमीन है।
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