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दिल्ली में एक मंच पर Sharad Pawar और Narendra Modi! नेहरू के बाद मोदी को ही मिल रहा यह मौका

Akhil Bharatiya Marathi Sahitya Sammelan: उद्घाटन समारोह विज्ञान भवन में होगा, जहां नरेंद्र मोदी और शरद पवार एक मंच पर होंगे।

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भारत

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Anish Shekhar

Feb 21, 2025

98वां अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन (Akhil Bharatiya Marathi Sahitya Sammelan) 21 फरवरी 2025 से दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में तीन दिनों के लिए आयोजित होगा। यह सम्मेलन 71 वर्षों के बाद राष्ट्रीय राजधानी में वापस आ रहा है। पिछली बार यह अक्टूबर 1954 में दिल्ली में हुआ था, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया था। अब, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन करेंगे और इस सम्मेलन में मुख्य अतिथि होंगे।

इस आयोजन में शरद पवार स्वागत समिति के प्रमुख के रूप में मौजूद रहेंगे। उद्घाटन समारोह विज्ञान भवन में होगा, जहां नरेंद्र मोदी और शरद पवार एक मंच पर होंगे। इसके अलावा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्रियों एकनाथ शिंदे और अजित पवार सहित कई राजनीतिक नेता भी भाग लेंगे।

जब एक मंच पर होंगे पवार और PM मोदी

इस सम्मेलन में कई राजनीतिक आयाम भी शामिल हैं। शरद पवार, जो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार (NCP-SP) के प्रमुख हैं और महाराष्ट्र में विपक्षी महाविकास आघाडी (MVA) का हिस्सा हैं, और नरेंद्र मोदी, जो सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के शीर्ष नेता हैं, एक मंच पर होंगे। हालांकि BJP और NCP आम तौर पर विरोधी खेमों में रहे हैं।

हाल ही में, शरद पवार ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को 'महादजी शिंदे गौरव पुरस्कार' से सम्मानित किया था, जिसके बाद MVA की सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) ने पवार की आलोचना की थी। यह घटना सम्मेलन से ठीक पहले हुई है और इसने गठबंधन के भीतर चल रही खिंचतान को उजार भी किया है। इसके बावजूद, इस आयोजन में शिंदे, अजित पवार, सुशील कुमार शिंदे, उदय सामंत, आशीष शेलार, पृथ्वीराज चव्हाण, सुरेश प्रभु और नीलम गोरहे जैसे नेता भी शामिल होंगे, जो विभिन्न राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

यह सम्मेलन दिल्ली में होने के कारण राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह देश की राजनीतिक राजधानी है। आयोजक संजय नाहर के अनुसार, साहित्य महामंडल अतिथि सूची और आमंत्रित व्यक्तियों को तय करता है, और दिल्ली के राजनीतिक माहौल के कारण नेताओं की मौजूदगी स्वाभाविक है। यह आयोजन साहित्य और राजनीति के बीच संबंध को भी रेखांकित करता है, खासकर तब जब मराठी को शास्त्रीय दर्जा देने का निर्णय मोदी सरकार द्वारा लिया गया था। शरद पवार ने इस निर्णय के लिए मोदी को आमंत्रित करने में पहल की थी, जिसे कुछ लोग उनके राजनीतिक रणनीति के हिस्से के रूप में देखते हैं।

पहली बार 1878 में आयोजित हुआ था सम्मेलन

यह सम्मेलन पहली बार 1878 में पुणे में आयोजित हुआ था। इस बार इसे पुणे स्थित सरहद और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा आयोजित किया जा रहा है। तालकटोरा स्टेडियम का चयन इसलिए भी खास है, क्योंकि यह 1737 में मराठों और मुगलों के बीच हुई लड़ाई का स्थल रहा है। स्टेडियम के गेट और हॉल का नाम विनायक सावरकर, बीआर अंबेडकर, यशवंतराव चव्हाण और ज्योतिराव फुले जैसे व्यक्तित्वों के नाम पर रखा गया है।

लगभग 2,700 लोग इस सम्मेलन में शामिल होंगे, जिनमें 1,500 कवि, लेखक और विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियाँ होंगी। आयोजकों के अनुसार, करीब 100 पुस्तकों को फिर से जारी किया जाएगा। यह सम्मेलन मराठी को अक्टूबर 2024 में शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने के बाद पहला आयोजन है।