
कर्नाटक हाई कोर्ट ने दो साल पहले बिना उचित इजाजत के विरोध मार्च निकालने को लेकर मौजूदा मुख्यमंत्री एन.सिद्धरामय्या और अन्य कांग्रेस नेताओं के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया। काेर्ट ने सिद्धरामय्या को 6 मार्च को मामले की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत में पेश होने के निर्देश दिए। कोर्ट ने एक सरकारी अधिकारी को मुकदमे में व्यक्तिगत हैसियत से पक्षकार बनाने के लिए सिद्धरामय्या, परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी, उद्योग मंत्री एम.बी. पाटिल और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।
जस्टिस कृष्ण एस. दीक्षित की अदालत ने दिया निर्देश
जस्टिस कृष्ण एस. दीक्षित ने सीएम के अलावा अन्य कांग्रेस नेताओं को अलग-अलग तारीख को विशेष अदालत में पेश होने के निर्देश दिए। कोर्ट ने टिप्पणी की कि सड़कों पर गलत तरीके से विरोध प्रदर्शन करते हैं तो नागरिकों को परेशानी होती है। जन प्रतिनिधियों को नियमों का पालन करना चाहिए। अगर जनप्रतिनिधि कानून का पालन करेंगे, तो जनता भी मानेगी। सिद्धरामय्या और अन्य नेताओं पर अप्रेल 2022 में बेलगावी में एक आत्महत्या प्रकरण में पंचायती राज मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर अवैध तौर पर सीएम आवास तक विरोध मार्च करने पर मामला दर्ज किया गया था।
दवाओं में वेज-नॉन वेज का मामला
दिल्ली हाई कोर्ट ने दवाएं बनाने के कच्चे माल को वेज व नॉन वेज श्रेणियों में वर्गीकृत करने के मानदंडों के बारे में आयुष मंत्रालय की ओर से गठित समिति से 10 सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा है। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने वकील यतिन शर्मा की उस याचिका का निपटारा करते हुए यह निर्देश दिए जिसमें आरोप लगाया गया था कि दवा निर्माता कंपनी पतंजलि के एक टूथपेस्ट प्रोडक्ट में कथित तौर पर नॉन वेज का इस्तेमाल किया गया और इसे वेज प्रोडक्ट के रूप में दर्शाया गया। मंत्रालय ने याचिका के जवाब में कहा कि आयुष औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड की समिति वैज और नॉन वेज के बारे में मानदंड तैयार कर रही है।
ट्रेन में महिला यौन अपराधों पर मंत्रालय से मांगी रिपोर्ट
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चलती ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर महिलाओं के खिलाफ यौन अपराध रोकने के उपायों के बारे में नोटिस जारी कर रिपोर्ट मांगी है। जस्टिस अताउर्रहमान मसूदी और जस्टिस बृज राज सिंह की बेंच ने मंत्रालय से अपराध रोकने के बारे में विशिष्ट कदमों और पूर्व में कोर्ट की ओर से दिए गए निर्देशों की पालना के बारे में जानकारी मांगी है। कोर्ट ने आठ साल पूर्व ट्रेन में बलात्कार की घटना पर लिए गए स्वत: प्रसंज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर पीडि़ता को क्षतिपूर्ति की बकाया रकम देने का भी निर्देश दिया।
Published on:
07 Feb 2024 09:45 am
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