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सिंगापुर: जनवरी 2022 में शुरू होगा 12 साल से कम उम्र के बच्चों का होगा टीकाकरण, सरकार ने तैयार किया प्लान

सिंगापुर अगले साल जनवरी में 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कोविड-19 राष्ट्रीय टीकाकरण शुरू होने की उम्मीद है। सिंगापुर के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि कोरोना टीकाकरण न लगने से देश के बच्चे असुरक्षित हैं।

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Nitin Singh

Nov 20, 2021

कोरोना : कर्नाटक में 24 घंटे में 315 पॉजिटिव, 236 डिस्चार्ज, दो मौतें

singapore will start corona vaccination for children jan 2022

नई दिल्ली। करीब दो साल से दुनियाभर में कोरोना महामारी का कहर देखने को मिल रहा है। इसके चलते अब तक लाखों लोगों की मौत भी हो चुकी है। वहीं अब भारत सहित कई देशों में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं। माना जा रहा है कि महामारी की तीसरी लहर बच्चों को बुरी तरह से प्रभावित करेगी। ऐसे में सभी देश बच्चों के टीकाकरण की योजना बना रहा हैं। इसी बीच खबर सामने आ रही है कि सिंगापुर जल्द ही बच्चों का टीकाकरण शुरू करेगा।

कोरोना संक्रमितों में 11.2 फीसदी बच्चे
जानकारी के मुताबिक सिंगापुर अगले साल जनवरी में 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कोविड-19 राष्ट्रीय टीकाकरण शुरू होने की उम्मीद है। स्वास्थ्य मंत्रालय में चिकित्सा सेवा के निदेशक केनेथ माक ने कहा कि कोविड-19 के कुल मामलों में 11.2 प्रतिशत मामले 12 साल से कम उम्र के बच्चों में देखने को मिले। खास बात यह है कि करीब एक महीनें पहले यह आंकड़ा 6.7 प्रतिशत था।

इन आंकडों से जाहिर है कि देश में बच्चों में कोरोन का खतरा बढ़ रहा है। माक ने बताया कि 12 से 20 साल के लोगों के बीच मामलों को अनुपात उस तरह से नहीं बदला है, यह लगातार चार से पांच प्रतिशत के बीच रह रहा है। इस दौरान माक ने बच्चों को कोरोना से खतरे को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि बच्चों को अभी तक वैक्सीन नहीं दी गई है, ऐसे में बच्चे अभी तक असुरक्षित हैं क्योंकि बच्चों को मास्क पहनने और शारीरिक दूरी का पालन करने में परेशानी होती है।

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स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि ज्यादातर बच्चों में कोरोना के हल्के लक्षण ही देखने को मिले। गनीमत यह है कि ऐसे बच्चों की संख्या बेहद कम हैं, जिन्हें कोरोना के गंभीर लक्षण होने पर बाल चिकित्सा गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती करना पड़ा हो। उन्होंने कहा कि बच्चों में मल्टी-सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (एमआईएस-सी) के कुछ मामलों की जानकारी भी स्वास्थ्य मंत्रालय को दी गई थी।