
सभी इंजीनियर्स को सम्मान देने के लिए देश भर में आज 15 सितंबर के दिन इंजीनियर्स डे मनाया जा रहा है। आज के दिन इंजीनियर्स डे भारत के अलावा श्रीलंका और अफ्रीकी देश तंजानिया में भी मनाया जाता है। आज के दिन भारत रत्न से सम्मानित देश के मशहूर इंजीनियर एम विश्वेश्वरैया का जन्म हुआ था।
हमारे देश में कुछ राजनेता ऐसे भी है जिनके सोशल इंजीनियरिंग ने देश की राजनीति की धारा बदल दी। अपने सोशल इंजीनियरिंग के दम पर ये नेता न सिर्फ अपने- अपने राज्य केद मुखिया बनें। बल्कि इनमें से कई नेता अब भी देश की राजनीति में अहम किरदार निभा रहे हैं।
लालू यादव की राजद ने बदल दी बिहार की राजनीति
राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव बिहार सहित पूरे देश में पिछड़ों की राजनीति के लिए जाने जाते है। 90 के दशक में उन्होंने बिहार में जो महादलित+यादव+मुस्लिम का जोड़ बनाया, उसके दम पर वह कई बार बिहार की सत्ता पर राज कर चुके हैं। फिलहाल उनके दोनों बेटे बिहार सरकार में मंत्री हैं और उनकी पार्टी बिहार की सबसे बड़ी पार्टी (विधायकों की संख्या के आधार पर) है।
नीतीश कुमार ने बनाई अलग पहचान
2000 के दशक में इसी बिहार में एक और नेता सोशल इंजीनियरिंग कर रहेे थे। वह कोई और नहीं बल्कि बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। उन्होंने बिहार में गैर यादव OBC और सवर्णों का जो गठबंधन बनाया, इसके दम पर वह पिछले 17 से बिहार की सत्ता पर काबिज हैं। बता दें कि नीतीश कुमार राजनीति में आने से पहले इंजीनियर ही थे। उनके पास बी. टेक की डिग्री हैं।
मुलायम सिंह यादव ने बनाया M+Y का समीकरण
बिहार की तरह ही यूपी में मुलायम सिंह यादव ने यूपी में M (मुस्लिम) + Y (यादव) समीकरण बनाया। इसके दम पर उनकी पार्टी सपा ने यूपी में 4 बार सरकार बनाई। उनके बेटे अखिलेश यादव अब उनकी राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं। बता दें कि मुस्लिम+ यादव मिलकर राज्य में 20 % वोटर हैं। और इन दोनों को सपा का कोर वोट बैंक माना जाता है।
सवर्णों और दलितों की जुगलबंदी से बसपा को मिला बहुमत
ये बात साल 2007 के विधानसभा चुनाव की है। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने प्रदेश की राजनीति में हाशिए पर पहुंच चुके सवर्णों को अपने साथ लिया और दलित + सवर्ण की जो सोशल इंजीनियरिंग की, उसके दम पर उनकी पार्टी को उस चुनाव में पहली बार बहुमत मिला और वह सूबे की तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं, और अपना कार्यकाल पूरा किया।
मोदी-शाह की जोड़ी ने बदल दी देश की राजनीति
2014 से लेकर अब तक देश में जितने भी चुनाव हुए उनमें से अधिकतर में भाजपा ने जीत दर्ज की है। इसके पीछे कारण माना जाता है प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता और गृहमंत्री अमित शाह की चुनावी प्रबंधन। हालांकि इसके अलावा जानकार मानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के दौर में भाजपा ने जिस तरह से अपने अहम पदों पर गैर सवर्णों को जगह दिया है उसने देश की राजनीति को बदलने में अहम किरदार निभाया है।
Published on:
15 Sept 2023 05:36 pm
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