
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार और लद्दाख प्रशासन को जारी किया नोटिस (फोटो- एक्स पोस्ट)
लद्दाख हिंसा के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत गिरफ्तार किए गए जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने जोधपुर सेंट्रल जेल से देश के लोगों के लिए अपना पहला संदेश भेजा है। उन्होंने अपने वकील मुस्तफा हाजी के माध्यम से सूचित किया कि वह शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ हैं। साथ ही सोनम ने उन सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने उनकी सलामती के लिए चिंता व्यक्त की और प्रार्थना की। साथ ही सोनम ने यह भी कहा है कि लेह हिंसा में हुई चार लोगों की हत्या की स्वतंत्र न्यायिक जांच करवाई जाए और ऐसा होने तक वह जेल में रहने को तैयार है।
दरअसल, दो दिन पहले केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने पत्नी, भाई व लीगल एडवाइजर को जोधपुर जेल में बंद सोनम वांगचुक से मिलने की इजाजत दी थी। इसी के तहत बड़ा भाई त्सेतन दोरजे ले और अधिवक्ता मुस्तफा हाजी शनिवार को जोधपुर जेल पहुंचे और सोनम वांगचुक से मुलाकात की। अधिवक्ता मुस्तफा हाजी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल के मार्फत जेल में सोनम वांगचुक से मिलने की जानकार दी है। वकील हाजी ने दावा किया कि जोधपुर जेल में बंद सोनम वांगचुक शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ्य हैं और सभी चिंता व प्रार्थनाओं के लिए धन्यवाद भी दिया है।
वकील के अनुसार, सोनम ने उन लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई, जिन्होंने लेह हिंसा में जान गंवाई, घायल हुए और गिरफ्तार किए गए। साथ ही सोनम ने हिंसा में मारे गए चारों लोगों की हत्या की स्वतंत्र न्यायिक जांच करवाई जाने की मांग करते हुए कहा है कि वह जांच होने तक जेल में रहने के तैयार है। सोनम ने जेल से छठी अनुसूची व राज्य का दर्जा पाने की वास्तविक संवैधानिक मांग में सर्वोच्च निकाय, केडीए व लद्दाख के लोगों के साथ दृढ़ता से खड़ा होने का दावा किया।
सोनम के वकील के अनुसार, उनकी आमजन से अपील है की कि वे शांति व एकता बनाए रखें। सच्चे गांधीवांदी शांतिपूर्ण तरीके से अपना संघर्ष जारी रखें। बता दें कि सोनम की गिरफ्तारी के बाद उनकी पत्नी गीतांजलि अंगमो द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। इस याचिका में वांगचुक की एनएसए के तहत की गई गिरफ्तारी को सीधे तौर पर चुनौती दी गई है और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की गई है। सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को हिरासत में लिया गया था, जब लद्दाख को राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर लेह में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए थे।
Published on:
06 Oct 2025 09:46 am
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