ओ’ब्रायन की दो दिन से लगातार धनखड़ से तीखी नोकझोंक हो रही थी। उन्हें सोमवार को भी धनखड़ ने दिल्ली सेवा अधिनियम पर चर्चा के दौरान फटकारते हुए चेतावनी दी थी। सदन में मंगलवार को भी मणिपुर पर चर्चा करवाने को लेकर हुए हंगामे के बीच ओ’ब्रायन व्यवस्था के प्रश्न को लेकर सभापति के सामने हो गए। सभापति की चेतावनी के बावजूद ओ’ब्रायन ने मणिपुर मुद्दे पर नियम 267 के तहत बहस करवाने का मुद्दा उठाया। ओ’ब्रायन सीट पर लौटने की बजाय धनखड़ से जोर जोर से बहस करने लगे तो इस पर सभापति ने उन्हें सदन से बाहर चले जाने को कह दिया। इसके बाद गोयल ने सदन में लगातार हंगामा, नियोजित ढंग से सदन के काम में बाधा डालने और आसन के निर्देशों की अनदेखी को लेकर ओ’ब्रायन के निलम्बन का प्रस्ताव कर दिया। इसी दौरान हंगामे के बीच धनखड़ ने कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।
कार्यवाही दुबारा शुरू हुई तो कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने सभापति से उदारता बरतने का अनुरोध किया। इस पर धनखड़ कहा कि उन्होंने ओ’ब्रायन के निलम्बन का आदेश तो दिया है, लेकिन इसके लिए प्रस्ताव पर सदन का मत नहीं लिया है। मैंने सदन का मत लिया होता तो ओ’ब्रायन अभी सदन में नहीं होते। इसी दौरान भाजपा के सुधांशु त्रिवेदी एक न्यूज साइट को चीनी फंडिंग का मामला उठाया और सदन में फिर हंगामा शुरू हो गया तो कार्यवाही 12.45 बजे तक फिर स्थगित कर दी गई।
मंत्री को विशेषाधिकार हनन का नोटिस
इधर, विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के नेताओं ने दोपहर करीब एक बजे सदन के नेता पीयूष गोयल के खिलाफ विपक्ष के सभी नेताओं को ‘गद्दार’ कहे जाने पर विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट के जरिए यह जानकारी दी।