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स्टीव जॉब्स की पत्नी ‘कमला’ की महाकुंभ में अचानक बिगड़ी तबियत, 3000 हजार श्रद्धालु भी बीमार

प्रसिद्ध अमरीकी कंपनी एपल के संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स की महाकुंभ में तबीयत खराब हो गई।

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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 2025 का महाकुंभ 13 जनवरी, सोमवार से शुरू हुआ, जिसमें लाखों श्रद्धालु हिस्सा ले रहे हैं। इस बार महाकुंभ में जहां भक्तों की भारी भीड़ देखी गई, वहीं ठंड के प्रचंड प्रभाव का भी असर देखने को मिल रहा है। शाही स्नान के बाद, प्रचंड ठंड और ठिठुरन के कारण तीन लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा, लगभग 3,000 लोग ठंड से बीमार पड़ गए, जिनमें से कई को अस्पताल में भर्ती किया गया।

लॉरेन पॉवेल जॉब्स की तबीयत बिगड़ी

प्रसिद्ध अमरीकी कंपनी एपल के संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स भी महाकुंभ का हिस्सा बनने आई हैं। महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि ने बताया कि उनकी तबीयत खराब हो गई है। इसलिए वह मेरे शिविर में आराम कर रहीं हैं। उन्हें कुछ एलर्जी हो गई है। कमला बनीं लॉरेन पॉवेल ने इससे पहले कभी इतनी भीड़भाड़ वाले स्थान पर नहीं गई हैं। वह 15 जनवरी तक अखाड़े के शिविर में रहेंगी।

मेला क्षेत्र में स्थित केंद्रीय अस्पताल और अन्य अस्पतालों में इलाज के लिए 3000 से ज्यादा मरीज पहुंचे। केंद्रीय अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, डॉ. मनोज कुमार कौशिक ने बताया कि सोमवार को ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) में कुल 3104 मरीज इलाज के लिए आए थे। इनमें से 262 मरीजों को भर्ती किया गया, जबकि गंभीर अवस्था में 37 मरीजों को अन्य अस्पतालों में रेफर किया गया।

इसके अतिरिक्त, अस्पताल में 650 मरीजों की जांच की गई और मेला क्षेत्र के झूंसी और अरैल के अस्पतालों से भी मरीजों को एसआरएन अस्पताल भेजा गया। एसआरएन अस्पताल में 24 मरीज रेफर होकर पहुंचे, जिनमें से 12 को भर्ती किया गया, जबकि बाकी को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई।

'इंजीनियर बाबा' और ग्लैमर वर्ल्ड की हर्षा बनीं नजीर

प्रोफेशनल लाइफ जी रहे आज के दौर के युवाओं में पुरातन सनातन संस्कृति का आकर्षण लगातार बढ़ता जा रहा है। देश-विदेश में स्थापित एंकर, मॉडल और इंजीनियर जैसे पेशेवर अब भारतीय परंपराओं और अध्यात्म से गहराई से जुड़ रहे हैं। महाकुंभ के दौरान ऐसे तमाम उदाहरण सामने आ रहे हैं।

उत्तराखंड निवासी हर्षा देश-विदेश में ग्लैमर इंडस्ट्री का हिस्सा रही हैं। उन्होंने महाकुंभ में सनातन धर्म की दीक्षा ली। उन्होंने कहा, 'प्रोफेशनल लाइफ में दिखावे और आडंबर से भरी जिंदगी ने मुझे उबा दिया। मैंने महसूस किया कि वास्तविक सुख और शांति केवल सनातन धर्म की शरण में ही है।'

हरियाणा के मूल निवासी और आइआइटी बॉम्बे के पूर्व छात्र अभय सिंह को अब 'इंजीनियर बाबा' के नाम से जाना जाता है। बाबा ने श्रद्धालुओं को बता रहे हैं कि साइंस केवल भौतिक जगत को समझाने का माध्यम है, लेकिन इसका गहन अध्ययन हमें अध्यात्म की ओर ले जाता है।

व्यवस्थाओं से प्रभावित हुए रामभद्राचार्य

प्रयागराज में जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि मैं बेहद खुश हूं, क्योंकि मैं सभी आचार्यों के बीच पवित्र डुबकी लगाने वाला पहला व्यक्ति था। मैं राज्य सरकार की व्यवस्थाओं से प्रभावित हूं। उन्होंने यहां इतनी बड़ी भीड़ का सफलतापूर्वक प्रबंधन किया है। कथावाचक जया किशोरी भी प्रयागराज पहुंची। उन्होंने कहा कि आप हंस बनिए और मोती चुनिए। जब आप यहां आ रहे हैं तो यहां की शांति, ज्ञान, आध्यात्म और संस्कृति लेकर जा रहे हैं।

किन्नर अखाड़ा: समाज कल्याण की कामना

किन्नर अखाड़े ने समाज कल्याण की कामना कर अमृत स्नान किया। अमृत स्नान के मौके पर किन्नर अखाड़ा आकर्षण का प्रमुख केंद्र रहा। आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में किन्नर अखाड़े के सभी सदस्यों ने दोपहर में संगम नोज पहुंचकर अमृत स्नान किया। अखाड़े की सदस्य राम्या नारायण गिरी ने बताया कि अमृत स्नान के अवसर पर प्रत्येक सदस्य ने भारतवासियों की सुख-समृद्धि और देश के कल्याण की कामना की। किन्नर अखाड़े ने शस्त्रों के साथ अपनी परंपराओं का अद्भुत प्रदर्शन किया।