
लाइट मोटर व्हीकल (LMV) लाइसेंस पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि LMV ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति 7,500 किलोग्राम से अधिक भार रहित परिवहन वाहन चलाने का भी हकदार है। मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ (D. Y. Chandrachud) की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ का फैसला बीमा कंपनियों के लिए झटका है, जो उन दावों को खारिज कर देती थीं, यदि दुर्घटनाएं एक विशेष वजन के परिवहन वाहनों से संबंधित होती थीं और यदि चालक कानूनी शर्तों के अनुसार उन्हें चलाने के लिए अधिकृत नहीं थे।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को स्पष्ट किया कि हल्के मोटर वाहन (LMV) ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाले व्यक्ति को 7,500 किलो या 7.5 टन तक के ट्रक चलाने की भी अनुमति है। मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ द्वारा सुनाया गया यह फैसला बीमा कंपनियों के लिए एक झटका है। इन कंपिनयों ने पहले उन मामलों में दावों को खारिज कर दिया था, जिनमें दुर्घटनाएं ऐसे लोगों द्वारा परिवहन वाहन चलाने से जुड़ी थीं, जिनके पास विशिष्ट परिवहन वाहन ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था।
SC के इस फैसले के मद्देनजर, बीमा कंपनियों को अब एलएमवी लाइसेंस धारकों द्वारा चलाए जा रहे परिवहन वाहनों से जुड़े दावों को संभालने के दौरान अपने दृष्टिकोण को समायोजित करना होगा, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला यह सुनिश्चित करता है कि ऐसे ड्राइवरों को कानूनी रूप से 7.5 टन तक के वाहन चलाने की अनुमति है।
बीमा कम्पनियां आरोप थे कि मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) और अदालतें हल्के मोटर वाहन ड्राइविंग लाइसेंस के संबंध में उनकी आपत्तियों की अनदेखी करते हुए उन्हें बीमा दावों का भुगतान करने के लिए आदेश पारित कर रही हैं।
Published on:
06 Nov 2024 03:28 pm
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