
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला कहा- मतदान से पहले कितने लोगों को भेजें जेल
Lok Sabha Elections 2024: सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने वाले एक यूट्यूबर ए दुरईमुरुगन सत्ताई को दी गई जमानत बहाल करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर आरोप लगाने वाले हर व्यक्ति को जेल नहीं भेजा जा सकता है। जज अभय एस ओका और उज्जल भुइयां की बेंच ने कहा कि यह सुझाव देने के लिए कोई सबूत नहीं है कि ए दुरईमुरुगन सत्ताई ने उन्हें दी गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया था।
‘कितने लोगों को होगी जेल’
सुनवाई के दौरान, जज अभय ने राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी को संबोधित करते हुए एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर चुनाव से पहले, हम यूट्यूब पर आरोप लगाने वाले सभी लोगों को सलाखों के पीछे डालना शुरू कर देंगे, तो कल्पना करें कि कितने लोगों को जेल होगी। जज ओका ने वकील मुकुल रोहतगी को चुनौती देते हुए पूछा कि यह कौन निर्धारित करेगा कि कोई बयान निंदनीय है या नहीं। हाईकोर्ट ने पाया था कि अदालत के समक्ष एक हलफनामा देने के तुरंत बाद दुरईमुरुगन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करके और अधिक अपराध में शामिल हो गए थे।
लोकसभा चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट का आया फैसला
दुरईमुरुगन सत्ताई ने न्याय की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2022 में उनकी याचिका पर एक नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने अगस्त 2021 में उन्हें दी गई जमानत जारी रखी। नतीजतन, दुरईमुरुगन 2.5 साल से अधिक समय तक जमानत पर रहे। राज्य के मामले के समर्थन में मुकुल रोहतगी ने दिसंबर 2022 और मार्च 2023 में दुरईमुरुगन के खिलाफ दर्ज दो FIR पर प्रकाश डाला। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने वाले यूट्यूबर ए दुरईमुरुगन सत्ताई को दी गई जमानत बहाल कर दिया। यह फैसला लोकसभा चुनाव से कुछ ही दिन पहले आया है।
Published on:
08 Apr 2024 03:14 pm
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