5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rafale Deal पर दोबारा जांच की मांग पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, रद्द की याचिका

पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की ओर से रफाल सौदे का मुद्दा सबसे ज्यादा उठाया गया था। हालांकि इस मुद्दे पर कांग्रेस को सफलता नहीं मिली और बीजेपी दोबारा सरकार बनाने में सफर रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने आज इसी रफाल सौदे को लेकर अहम फैसला सुनाया है।

2 min read
Google source verification
Supreme Court Dismisses A Petition Seeking Fresh Inquiry Into Rafale Deal

Supreme Court Dismisses A Petition Seeking Fresh Inquiry Into Rafale Deal

रफाल सौदा सोमवार को देश की सर्वोच्च अदालत में एक बार फिर पहुंचा। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में रफाल सौदे में हुई गड़बड़ी की दोबारा नए तरीके से सुनवाई की मांग वाली याचिका दाखिल की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसला लेते हुए रफाल मामले में दोबारा जांच कराने वाली याचिका रद्द कर दी है। याचिका में उस रिपोर्ट को आधार बनाकर दोबारा जांच कराने की मांग की गई थी, जिसमें फ्रांस के कुछ न्यूज पोर्टल पर इस मामले में दसॉल्ट एविएशन की ओर से भारतीय बिचौलिए को घूस देने का दावा किया जा रहा है।


रफाल सौदे को लेकर दोबारा सुनवाई मांग वाली याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता एमएल शर्मा की ओर से दाखिल की गई थी। ये याचिका फ्रांस की न्यूज वेबसाइट पर प्रकाशित कुछ रिपोर्ट के आधार पर दोबारा जांच की मांग की थी।

न्यूज पोर्टल में दावा किया जा रहा है कि रफाल सौदे में दसॉल्ट एविएशन ने भारतीय बिचौलिए को मोटी रकम दी थी। हालांकि इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द करते हुए कहा कि, इस मामले में पर्याप्त बहस हो चुकी है।

यह भी पढ़ें - Karnataka Hijab Row: सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को जारी किया नोटिस, अगली सुनवाई 5 सितंबर को

भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षा वाली बेंच ने अधिवक्ता एमएल शर्मा की ओर से दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया। सीजेआई ने कहा, 'न्यायालय की ओर से इस मामले में हस्तक्षेप के लिए कोई मामला नहीं बनता है।'


वहीं दोबारा जांच की मांग को लेकर वकील ने अपना पक्ष रखा। वकील शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाते हुए कहा कि, एक दिन ऐसा आएगा जब हर व्यक्ति खुद को असहाय महसूस करेगा।


वकील शर्मा ने कहा कि, भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए कोई सामने नहीं आया। ना ही किसी ने इस पर सवाल उठाया।

वहीं सीजेआई यूयू ललित ने साफ तौर पर कहा कि, हमने पहले ही आदेश पारित कर दिया है। अब इस मामले पर दोबारा सुनवाई की जरूरत नहीं।

यह भी पढ़ें - चुनाव में मुफ्त घोषणाओं के मामले पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा कदम, मामला 3 जजों की बेंच को भेजा