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चुनावी उपहारों पर Supreme Court का डंडा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और केंद्र सरकार को नोटिस

Supreme Court On Freebies: एक जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए शीर्ष अदालत ने मध्य प्रदेश-राजस्थान और केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है। साथ ही Supreme कोर्ट ने चुनाव आयोग (EC) से भी जवाब मांगा है।

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Supreme Court On Freebies: इस साल नवंबर-दिसंबर में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छतीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं। अपनी सरकार को बचाने के लिए चुनाव से पहले सरकारें बेहिसाब पैसे खर्च कर रही हैं। दूसरे शब्दों में कहे तो यहां सरकारें रेवड़ी कल्चर को खूब बढ़ावा दे रही है।इसी गंभीर मुद्दे को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत में एक जनहित याचिका दायर की गई है।इसमें याचिकाकर्ता ने साफ़ कहा है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में सरकारें विधानसभा चुनावों से पहले मुफ्त की रेवड़ियां बांट रही है। इस पर जल्द से जल्द रोक लगाई जाए। इसी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने MP, राजस्थान और केंद्र की मोदी सरकार को नोटिस जारी किया है।

जवाब देने के लिए चार हफ्ते का समय

SC के चीफ जस्टिस DY चंद्रचूड़, जस्टिस JB पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने पीआईएल पर केंद्र सरकार, इलेक्शन कमिशन, राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार को भी नोटिस भेजा है। इस पीआईएल में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया गया है कि दोनों राज्य (राजस्थान-मध्य प्रदेश) की सरकारें मतदाताओं को लुभाने के लिए टैक्स पेयर्स के पैसों का दुरुपयोग कर रही हैं।

पीआईएल दायर करने वाले के वकील ने कहा, "चुनाव से पहले सरकार द्वारा नकदी बांटने से ज्यादा खराब और कुछ नहीं हो सकता। हर बार यह होता है और इसका बोझ आखिरकार करदाताओं पर आता है।" सभी दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को चार हफ्तों के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है।