
दिल्ली एनसीआर पटाखा बैन (प्रतीकात्मक तस्वीर)
राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में इस बार दिवाली पर पटाखों की गूंज सुनाई देने की पूरी संभावना है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में दीपावली के मौके पर ग्रीन पटाखे जलाने की दिल्ली सरकार की याचिका पर आज फैसला लेते हुए उसे सुरक्षित रख लिया है। इस दौरान सीजेआई बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने पांच दिनों के लिए पटाखों पर लगे बैन को हटाने का संकेत दिया है। यह फैसला सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सहित सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद लिया गया है।
मामले की सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा, फिलहाल के लिए, हम दिवाली के दौरान ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति देंगे। इससे त्योहार का उत्साह भी बना रहेगा और पर्यावरण को भी कम नुकसान होगा। केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में बात रख रहे मेहता ने कोर्ट से दिवाली पर पटाखे फोड़ने के समय में ढील देने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि, बच्चों को केवल दो घंटे (पहले सुप्रीम कोर्ट ने रात 8 बजे से 10 बजे तक का समय तय किया था) के लिए पटाखे फोड़ने की पाबंदी में नहीं रखना चाहिए।
मेहता ने आगे कहा, यह सिर्फ कुछ दिनों की बात है, बच्चों को उत्साह से यह त्योहार मनाने दिजिए। सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट में दिलचस्प दलील देते हुए जजों की बेंच से कहा, मेरे भीतर का बच्चा आपके (न्यायाधीशों) भीतर बैठे बच्चे को मनाने की कोशिश कर रहा है। कुछ दिनों के लिए यह प्रतिबंध नहीं होना चाहिए। वहीं वकील जे. साई दीपक ने भी कोर्ट से यह अनुरोध किया कि दिवाली के दिन सुबह के समय भी पटाखे जलाने के लिए लगभग दो घंटे का समय निर्धारित किया जाए, ताकि लोग अपनी परंपराओं के साथ त्योहार का आनंद ले सके।
इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध न तो व्यावहारिक है और न ही आदर्श स्थिति है। इस तरह के प्रतिबंधों का आमतौर पर उल्लंघन होता है। ऐसे में सभी पक्षों के हितों के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है। कोर्ट की इन टिप्पणीयों ने ही प्रतिबंध में ढील का संकेत दिया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के दौरान राजधानी और आसपास के इलाकों में पटाखे जलाने के लिए कितने दिन और कितने समय की अनुमती दी है, इस फैसले को उन्होंने सुरक्षित रख लिया है।
Published on:
11 Oct 2025 11:43 am
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