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8 महिलाओं से रेप, वीडियो ब्लैकमेलिंग, पैसों की वसूली… दिल दहलाने वाली इस घटना में 6 साल बाद कोर्ट ने 9 दोषियों को सुनाई सख्त सजा

Pollachi Case Latest Update: तमिलनाडु के पोल्लाची यौन उत्पीड़न मामले में कोयंबटूर की विशेष महिला अदालत ने आरोप में 9 दोषियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

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Pollachi Sexual Assault Case: तमिलनाडु के बहुचर्चित पोल्लाची यौन उत्पीड़न मामले (Pollachi Case) में कोयंबटूर की विशेष महिला अदालत ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने 8 महिलाओं के साथ बलात्कार, वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने और पैसे वसूलने के आरोप में 9 दोषियों को दोषी करार देते हुए कड़ी सजा सुनाई। इस मामले ने 2019 में पूरे देश को झकझोर दिया था, जब पीड़िताओं के साथ हुई क्रूरता और ब्लैकमेलिंग का खुलासा हुआ था।

2019 में सामने आया मामला

2019 में पोल्लाची में सामने आए इस घिनौने कांड में आरोपियों ने 8 महिलाओं को निशाना बनाया। वे महिलाओं को झांसा देकर सुनसान जगहों पर ले जाते थे, जहां उनके साथ बलात्कार किया जाता था। इसके बाद, आरोपियों ने अपराध के वीडियो बनाए और पीड़िताओं को ब्लैकमेल कर उनसे पैसे वसूलने की धमकी दी। इस मामले के उजागर होने के बाद तमिलनाडु पुलिस ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया, जिसके बाद सभी 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

अदालत ने सुनाया फैसला

कोयंबटूर की अतिरिक्त महिला न्यायालय की न्यायाधीश नंदिनी देवी ने इस मामले की सुनवाई की। लंबी कानूनी प्रक्रिया और सबूतों की जांच के बाद, अदालत ने सभी 9 आरोपियों को दोषी ठहराया। दोषियों को बलात्कार, ब्लैकमेलिंग, और आपराधिक साजिश सहित कई धाराओं में सजा सुनाई गई। सजा की अवधि और अन्य विवरणों को लेकर कोर्ट ने कहा कि यह फैसला पीड़िताओं को न्याय दिलाने और समाज में सख्त संदेश देने के लिए है।

आजीवन कारावास की सजा

हालांकि, सजा की सटीक अवधि और दंड की प्रकृति के बारे में अभी विस्तृत जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, दोषियों को आजीवन कारावास सहित कठोर सजा दी गई है। कोर्ट ने पीड़िताओं की गोपनीयता और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह भी सुनिश्चित किया कि उनकी पहचान उजागर न हो।

लोगों में गुस्से का माहौल

इस फैसले के बाद कई सामाजिक संगठनों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है। तमिलनाडु में इस मामले ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और जन आक्रोश को जन्म दिया था। कई राजनीतिक दलों ने भी इस मामले को उठाया था, जिसके बाद सरकार ने सख्त कार्रवाई का वादा किया था।

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