
TCS ने छंटनी के बाद लिया बड़ा फैसला (File Photo)
देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने एक ऐसा कदम उठाया है, जो कर्मचारी कल्याण की मिसाल पेश कर रहा है। कंपनी ने हाल ही में घोषणा की है कि वह अपने लगभग 12,000 कर्मचारियों की छंटनी करेगी, लेकिन इन कर्मचारियों को खाली हाथ नहीं छोड़ेगी। इसके बजाय, TCS उन सभी प्रभावित कर्मचारियों को उनकी सेवा अवधि के आधार पर 6 महीने से लेकर 2 साल तक की सैलरी का आकर्षक सेवरेंस पैकेज (Severance Package) देगी।
TCS में चल रही यह छंटनी मुख्य रूप से उन कर्मचारियों पर केंद्रित है, जिनकी स्किल्स अब कंपनी की बदलती जरूरतों से मेल नहीं खा रही हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, मिड-लेवल और सीनियर स्तर के कर्मचारी सबसे अधिक प्रभावित होंगे। खासकर वे लोग जो 10-15 साल से कंपनी में हैं, लेकिन AI, क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी नई तकनीकों में अपडेट नहीं हो पाए।
बिना प्रोजेक्ट के 8 महीने से बेंच पर बैठे कर्मचारी: इन्हें नोटिस पीरियड के रूप में केवल 3 महीने का वेतन दिया जाएगा।
10 से 15 साल की सेवा वाले कर्मचारी: इन्हें लगभग 1.5 वर्ष के वेतन के बराबर पैकेज मिलेगा।
15 साल से अधिक सेवा वाले सीनियर कर्मचारी: इन्हें severance package के रूप में 1.5 से 2 वर्ष तक का वेतन मिल सकता है।
कंपनी आउटप्लेसमेंट सर्विसेज के तहत कर्मचारियों को तीन महीने तक नई नौकरी खोजने में सहायता के लिए एजेंसी की फीस स्वयं वहन कर रही है। इसके अलावा, टीसीएस केयर्स प्रोग्राम के माध्यम से कर्मचारियों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए थेरेपिस्ट और काउंसलिंग सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। रिटायरमेंट की आयु के नजदीक पहुंच चुके कर्मचारियों के लिए अर्ली रिटायरमेंट विकल्प उपलब्ध है, जिसमें सभी लाभों के साथ अतिरिक्त 6 महीने से 2 वर्ष तक का वेतन भी शामिल है।
यह फैसला टाटा ग्रुप के संस्थापक रतन टाटा की विरासत को याद दिलाता है, जहां कर्मचारियों की भलाई हमेशा प्राथमिकता रही। TCS के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "हम छंटनी को मजबूरी मानते हैं, लेकिन कर्मचारियों को नई शुरुआत के लिए मजबूत आधार देना हमारा फर्ज है।"
भारतीय IT इंडस्ट्री पहले ही ग्लोबल इकोनॉमिक चैलेंजेस से जूझ रही है। TCS के इस कदम से अन्य कंपनियां जैसे Infosys, Wipro भी प्रेरित हो सकती हैं। हालांकि, कर्मचारी यूनियन्स का कहना है कि स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स पर अधिक फोकस जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसी छंटनियां कम हों।
Published on:
03 Oct 2025 04:25 pm
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