
राजभवन और पश्चिम बंगाल विधानसभा के बीच एक महीने तक चले गतिरोध का अंत
राजभवन और विधानसभा के बीच करीब एक महीने तक चले गतिरोध के बाद आखिरकार तृणमूल कांग्रेस के दो नवनिर्वाचित विधायकों रयात हुसैन सरकार और सायंतिका बनर्जी को विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान शपथ दिलायी गई। हुसैन सरकार मुर्शिदाबाद जिले के भगवानगोला से विधायक हैं जबकि सायंतिका बनर्जी कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके बरानगर से विधायक हैं। दूसरी तरफ
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस इसे लेकर बिफर गए हैं। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को पत्र लिखकर कहा कि विधानसभा अध्यक्ष की ओर से तृणमूल कांग्रेस के दो नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाना संविधान का उल्लंघन है।
राज्यपाल ने राष्ट्रपति को पत्र तब लिखा जब विधानसभाध्यक्ष विमान बनर्जी ने टीएमसी के दो नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई, जबकि बोस ने इस काम के लिए विधानसभा के उपाध्यक्ष को अधिकृत किया था। राजभवन के अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल ने विधानसभाध्यक्ष के संवैधानिक रूप से अनुचित कदम के बारे में राष्ट्रपति द्रौपदी को पत्र लिखा है। राज्यपाल ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि पश्चिम बंगाल के विधानसभाध्यक्ष की ओर से राज्य विधानसभा में दो विधायकों को शपथ दिलाना संविधान का उल्लंघन है।
राज्यपाल ने हाल में हुए उपचुनाव में निर्वाचित दोनों विधायकों को राजभवन में शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया था। संबंधित विधायकों ने हालांकि यह कहते हुए निमंत्रण अस्वीकार कर दिया कि परंपरा के अनुसार उपचुनाव जीतने वाले उम्मीदवार के मामले में राज्यपाल शपथ दिलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को नियुक्त करते हैं।
पश्चिम बंगाल विधानसभा के स्पीकर ने 27 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी को पत्र लिखकर तृणमूल कांग्रेस के दो नवनिर्वाचित विधायकों के शपथग्रहण समारोह से संबंधित गतिरोध को हल करने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा था कि मैंने माननीय राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है ताकि वे राज्यपाल से बात कर इस गतिरोध को समाप्त कर सकें। विधायकों के शपथग्रहण के संबंध में जो कुछ हो रहा है, वह अस्वीकार्य है। हमें न्याय मिलने की उम्मीद है।
Published on:
05 Jul 2024 10:01 pm
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