
स्मॉल और मिडकैप सेगमेंट में शानदार तेजी से शेयर बाजार रेकॉर्ड ऊंचाई पर है। ब्लूचिप कंपनियों की आय बढऩे और वैल्यूएशन स्थिर रहने से लार्जकैप कंपनियों में भी अच्छी तेजी देखने को मिली है। पत्रिका से खास बातचीत में कोटक महिंद्रा एएमसी के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर हर्ष उपाध्याय ने कहा, निवेशकों को पिछले 3-4 साल में शेयर बाजार से सालाना 30-35त्न का रिटर्न मिला है, अब अगले 4-5 साल वैसा ही रिटर्न मिलने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। निवेशकों को अपनी उम्मीदों को समायोजित करने की आवश्यकता है। बाजार का अब काफी वैल्यूएशन अधिक हो चुका है।
-आम बजट में अगर इनकम टैक्स के मामले में राहत मिलती है तो कंजम्पशन स्टॉक्स में तेजी आएगी।
- अभी ऐसे स्टॉक्स में निवेश करना बेहतर है, जिनका बिजनेस भारत पर निर्भर है। विदेशी आय पर निर्भर आइटी जैसे स्टॉक्स से बचें।
- बजट के बाद सीमेंट, ऑटोमोबाइल और इंडस्ट्रियल सेक्टर अच्छा परफॉर्म कर सकते हैं।
आने वाला तिमाहियों में कंपनियों की जितनी अर्निंग ग्रोथ होगी, बाजार का प्रदर्शन भी वैसा ही होगा। पिछले साल 24त्न की ग्रोथ के बाद इस साल कॉरपोरेट अर्निंग्स ग्रोथ रेट 15-16त्न रहने की उम्मीद है। मेरा मानना है कि लॉन्ग टर्म में बाजार का परफॉर्मेंस अर्निंग्स ग्रोथ से बहुत ज्यादा अलग नहीं होगा। वैल्यूएशन बढऩे से बाजार एकतरफा नहीं रहेगा बाजार में उठापटक भी आएगी। अगर बाजार पिछले साल जैसा रहा तो यह निवेशकों के लिए बोनस होगा।
अभी मैं उन सेक्टर्स पर ओवरवेट हूं, जिनका बिजनेस भारत पर ज्यादा निर्भर है। इसकी वजह भी साफ है। अमरीका-यूरोप सहित ग्लोबल जीडीपी ग्रोथ धीमी और बहुत कम है, वहीं भारत की ग्रोथ रेट दमदार है। देश की अर्थव्यवस्था को लेकर कोई बड़ा जोखिम नहीं है। इंडिया फोकस्ड बिजनेस अगले 3-4 साल में अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
एनडीए सरकार और मंत्रिमंडल के गठन से साफ हो गया है कि पिछले कुछ वर्षों से से जो आर्थिक नीतियां चल रही हैं, वो जारी रहेंगी। उम्मीद है कि आम बजट का फोकस भी पॉलिसी कॉन्टिन्यूएशन पर ही रहेगा। सरकार कैपिटल एक्सपेंडिचर और बढ़ाएगी, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर से जुड़े स्टॉक्स अच्छा रिटर्न दे सकते हैं। अगर बजट में इनकम टैक्स में लोगों को राहत मिलती है तो इससे खपत में इजाफा होगा और कंजम्पशन रिलेटेड स्टॉक्स में तेजी आएगी।
- सबसे पहले अपनी जोखिम उठाने की क्षमता यानी रिस्क प्रोफाइल को समझें।
- रिस्क लेने की क्षमता के आधार पर स्पष्ट एसेट एलोकेशन रणनीति अपनाएं।
- म्यूचुअल फंड स्कीम चुनने से पहले उस फंड हाउस के 5-7 साल के ट्रैक रेकॉर्ड को देंखें।
- केवल पिछले साल के प्रदर्शन के आधार पर फंड हाउस का चयन नहीं करें।
- फंड मैनेजर के प्रोफाइल, उसकी रणनीति, योग्यता और ट्रैक रेकॉर्ड को देखकर ही निवेश करें।
Published on:
24 Jun 2024 09:13 am
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