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बीकानेर हाउस समेत पांच भारतीय धरोहरों को यूनेस्को अवॉर्ड

विरासत का सम्मान : पुरस्कृतों में पंजाब का रामबाग गेट-प्राचीर और हरियाणा का चर्च ऑफ एपिफेनी शामिल

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बीकानेर हाउस समेत पांच भारतीय धरोहरों को यूनेस्को अवॉर्ड

बीकानेर हाउस समेत पांच भारतीय धरोहरों को यूनेस्को अवॉर्ड

नई दिल्ली. दिल्ली के बीकानेर हाउस, पंजाब के रामबाग गेट-प्राचीर और हरियाणा के चर्च ऑफ एपिफेनी से जुड़ी विरासत संरक्षण परियोजनाओं को यूनेस्को पुरस्कार से नवाजा गया है। सांस्कृतिक विरासत संरक्षण श्रेणी में इस साल के यूनेस्को एशिया-प्रशांत पुरस्कार के लिए भारत, चीन और नेपाल की 12 परियोजनाओं का चयन किया गया।

भारत की अन्य दो परियोजनाओं में मुंबई का डेविड सैसून लाइब्रेरी-रीडिंग रूम और केरल के कुन्नमंगलम भगवती मंदिर का कर्णिकारा मंडपम शामिल है। कर्णिकारा मंडपम को ‘अवार्ड ऑफ डिस्टिंक्शन’ दिया गया। यूनेस्को, बैंकाक के बयान के मुताबिक विरासत और रचनात्मकता की दृष्टि से पंजाब के रामबाग गेट और प्राचीरों के शहरी पुनरुद्धार को सर्वोच्च सम्मान ‘अवॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस’ से नवाजा गया। पंजाब की पीपल हवेली और काठमांडू के सिकामी छेन ने परिवर्तनकारी विरासत प्रथाओं के लिए ‘स्पेशल रिकग्निशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट’ पुरस्कार जीता।

केंपेगौड़ा एयरपोर्ट को मिला विशेष पुरस्कार

बेंगलूरु के केंपेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (केआइए) के टर्मिनल-2 को दुनिया के सबसे खूबसूरत एयरपोर्ट में से एक माना गया। इसे यूनेस्को के प्रिक्स वर्साय ने इंटीरियर के लिए विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया। यह सम्मान प्राप्त करने वाला केआइए एकमात्र भारतीय एयरपोर्ट है। इसका संचालन देखने वाली कंपनी बेंगलूरु अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हरि मरार ने कहा, यह हमारे लिए गर्व का क्षण है।

पूर्व महाराजा का निवास अब कला-संस्कृति केंद्र

नई दिल्ली में इंडिया गेट के पास आठ एकड़ में फैले बीकानेर हाउस का निर्माण अंग्रेजों के शासन काल में बीकानेर के तत्कालीन महाराजा के निवास के तौर पर किया गया था। आजादी के बाद इसे राजस्थान सरकार ने खरीद लिया। रिनोवेशन (2014-2015) के बाद इसे कला-संस्कृति के केंद्र में तब्दील कर दिया गया।