
UNICEF Report: देश में आज भी लड़कियों के लिए नौकरी के बजाय शादी को प्राथमिकता दी जाती है। लड़कियों के लिए पढ़ाई ज्यादा जरूरी नहीं समझी जाती। इसके बावजूद देश के 75 फीसदी युवाओं का मानना है कि पढ़ाई के बाद महिलाओं के लिए नौकरी शादी से ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के युवा मंच ‘युवा’ और 'यू-रिपोर्ट' के सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आया।
सर्वेक्षण में देशभर के 18-29 साल के 24 हजार से ज्यादा युवक-युवतियों से पूछा गया कि पढ़ाई के बाद महिलाओं के लिए नौकरी महत्त्वपूर्ण है या शादी? 75 फीसदी ने नौकरी को महत्त्वपूर्ण बताया, जबकि 25 फीसदी ने शादी की वकालत की। सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक देश की महिलाएं रोजगार के सभी क्षेत्रों में पुरुषों के बराबर अधिकार की अपेक्षा रखती हैं। अवसर मिलने पर वह विदेश में भी कॅरियर बनाने की इच्छुक हैं।
यूनिसेफ इंडिया में युवा की प्रमुख धुवाराखा श्रीराम ने लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और युवा महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सामूहिक प्रयासों पर बल दिया। उन्होंने ‘सक्षम नारी का सफर’ अभियान शुरू करने की घोषणा की। इसका मकसद अवसरों तक पहुंच का विस्तार करना और ऐसे समाज का निर्माण करना है, जहां महिलाएं न केवल भागीदार हों, अग्रणी भी हों।
सर्वेक्षण को लेकर श्रम-रोजगार मंत्रालय की सचिव आरती आहूजा ने कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी का समर्थन करने के सहयोगात्मक प्रयासों पर बल दिया। उन्होंने कहा, अब मेहनती, प्रतिभाशाली और ईमानदार महिला कार्यबल का समर्थन करने का समय आ गया है। सभी स्तरों पर महिला कार्यबल की भागीदारी बढ़ानी होगी।
Published on:
22 Feb 2024 07:50 am
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