
UPI Scam Alert: कुछ साल पहले, 2016 में लॉन्च हुआ यूपीआई (UPI) आज पूरे देशभर में काफी पॉपुलर है। कोई भी व्यक्ति कैश व कार्ड से पेमेंट करने कि बजाय यूपीआई से ही पेमेंट करना इजी समझते है। छोटी से छोटी दुकान हो या बड़े से बड़े मॉल, लोग UPI से पेमेंट करना ही पसंद करते है। जितना देश डिजटली ग्रो कर रहा है उतना ही फ्रॉड का खतरा बढ़ता जा रहा है। फ्रॉड करने वाले स्कैमर्स हर दिन नए तरीके से लोगों को ठगने की कोशिश करते हैं। इन दिनों स्कैमर्स ने लोगों को ठगने के लिए ऑटो पे (Auto Pay) नाम का नया जरिया ढूंढा लिया है। हाल के दिनों में ऑटोपे के जरिए धोखाधड़ी को अंजाम देने की कई घटनाएं सामने आ रही है। आइए जानते हैं कि क्या है ऑटोपे (Auto Pay) और इससे कैसे बचा जाए?
ऑटोपे लोगों को ठगने का नया जरिया माना जा रहा है। इसमें स्कैमर यूपीआई यूजर को एक ऑटो पे रिक्वेस्ट के जरिए चूना लगाता है। इसमें सबसे पहले यूपीआई यूजर को किसी झूठी कहानी पर विश्वास दिलाने की कोशिश की जाती है जिससे यूजर उस बात पर भरोसा करके पेमेंट के लिए ऑटो पे के ऑप्शन को सेलेक्ट करे। कई केस में यह देखा गया कि फ्रॉड करने वाले नेटफ्लिक्स या प्राइम जैसे सब्सक्रिप्शन के लिए ऑटो पे कि रिक्वेस्ट भेजते हैं फिर यूजर यह सोचता है कि यह रिक्वेस्ट कंपनी की ओर से आई है और वह इसे एक्सेप्ट कर लेता है। इसके बाद यूजर के खाते से पैसे कट जाते हैं और वह जालसाज के खाते में पहुंच जाते हैं। इस तरह से आप साइबर ठगी के शिकार बनते हैं।
UPI ID को आम तौर पर मोबाइल नंबर और UPI के एक्सटेंशन से होता है। इसका फायदा घोटालेबाज उठाते हैं क्योंकि फोन नंबर अक्सर ऑनलाइन-शॉपिंग, रेस्तरां, मॉल, पार्किंग आदि जगहों पर दिए जाते हैं। इसके चलते फ्रॉड के लिए UPI ID को क्रैक कर फर्जीवाड़ा करना आसान हो जाता है।
इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए आप अपनी यूपीआई आईडी को सीधे बैंक अकाउंट से जोड़ने से बचें। इसके बाजाय आप कोशिश करें कि वॉलेट में पैसे रखें और इसके जरिए ही पेमेंट करने की कोशिश करें। इससे आपके बैंक खाते में पैसे सुरक्षित रहेंगे और आप का पेमेंट का काम वॉलेट से चलता रहेगा। इसके साथ ही किसी भी ऑटो पे रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट करने से पहले उसकी चेक कर लें कि यह सही है या गलत।
इस तरह के फर्जीवाड़े से बचने के लिए सही और फर्जी रिक्वेस्ट के बीच के फर्क को समझना बहुत जरुरी है। इसके जरिए आप अपने आपको इस तरह की फ्रॉड की से सुरक्षित रख सकते हैं।
आज के टाइम में लोग अपने मोबाइल नंबर को ऑनलाइन-शॉपिंग, रेस्तरां, मॉल, पार्किंग और ऐसे कई जगहों पर आसानी से दे देते हैं। इस तरह के घोटालेबाज लोग इसका फायदा उठाते हैं और वे लोगों की UPI ID को क्रैक कर स्कैम को अंजाम देते हैं।
Updated on:
20 Aug 2024 05:54 pm
Published on:
20 Aug 2024 03:06 pm
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