
JNU(Image-('X'/@JNU_official_50)
JNU student politics: दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में आज यानी मंगलवार को छात्रसंघ चुनाव के लिए मतदान जारी है। विश्वविद्यालय के प्रत्येक स्कूल व केंद्र के छात्र इस चुनाव में मतदाता हैं। बीते कई दिनों से विभिन्न छात्र संगठनों के नेताओं ने अपने-अपने पक्ष में छात्रों की लामबंदी के प्रयास किए। छात्र संगठनों का कहना है कि यह चुनाव केवल वैचारिक आंदोलन नहीं, बल्कि सेवा और समाधान की संस्कृति का प्रतीक है।
इधर, आज सुबह से ही विभिन्न छात्र संगठनों से जुडे़ युवा छात्र नेता मतदान केंद्रों के पास जुट गए। विश्विविद्यालय में कुल 8 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। सुबह 9 बजे से ही इन मतदान केंद्रों पर वोटिंग शुरू हो गई है। पहली पाली का मतदान दोपहर 1 बजे तक चलेगा। इसके बाद दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर दूसरी पाली का मतदान प्रारंभ होगा, जो शाम 5 बजकर 30 मिनट तक जारी रहेगा। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव व संयुक्त सचिव के लिए यह मतदान हो रहा है। विश्वविद्यालय के कुल 9043 छात्र मतदान में हिस्सा ले सकेंगे।
गौरतलब है कि विभिन्न वाम संगठन जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में इस वर्ष संयुक्त रूप से चुनाव लड़ रहे हैं। वाम संगठन जैसे कि एसएफआई, आइसा व डीएसएफ लंबे समय बाद छात्रसंघ चुनाव में साथ आए हैं। इन वामदलों की ओर से अध्यक्ष पद के लिए अदिति मिश्रा चुनावी मैदान में हैं। उपाध्यक्ष के लिए कीझाकूट गोपिका बाबू, सचिव पद पर सुनील यादव व संयुक्त सचिव के लिए दानिश अली चुनाव लड़ रहे हैं।
जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में अभाविप की ओर से अध्यक्ष पद पर विकास पटेल चुनाव मैदान में हैं। उपाध्यक्ष पद पर तान्या कुमारी चुनाव लड़ रही हैं। महासचिव पद के लिए राजेश्वर कांत दुबे व संयुक्त सचिव पद के लिए अनुज एबीवीपी के प्रत्याशी हैं। इसके अलावा अन्य संगठनों ने भी इन चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं। विश्वविद्यालय में मतदान प्रारंभ होने के साथ ही छात्रों को इस संबंध में जानकारी देने की भी पूरी व्यवस्था की गई है।
6 नवंबर को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव का नतीजा जारी किया जाएगा। इस साल जेएनयू छात्र संघ चुनाव कमेटी की ओर से एक ऑफिशियल वेबसाइट की जानकारी दी गई है। विश्वविद्यालय के छात्र इस वेबसाइट के जरिए लाइव रिजल्ट और अन्य आधिकारिक सूचनाएं हासिल कर सकेंगे। छात्र संगठनों ने इन चुनावों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व छात्रों से जुड़े अनेक मुद्दे उठाए हैं।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने इन चुनावों में शोधार्थियों की फेलोशिप, हॉस्टल आवंटन की पारदर्शिता, वाई-फाई सुविधा के विस्तार, और अकादमिक वातावरण के सुदृढ़ीकरण जैसे मुद्दों को उठाया है। एबीवीपी का कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय, पटना विश्वविद्यालय, गुवाहाटी विश्वविद्यालय, पंजाब विश्वविद्यालय और हैदराबाद विश्वविद्यालय सहित कई संस्थानों में अभाविप के प्रति छात्रों का समर्थन तेजी से बढ़ा है। यह लहर केवल चुनावी नहीं, बल्कि वैचारिक परिवर्तन की लहर है, जो बताती है कि आज का युवा संघर्ष नहीं, समाधान चाहता है।
Published on:
04 Nov 2025 12:17 pm
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