
West Bengal SSC Scam Arpita Mukherjee Partha Chatterjee LIC Policy
West Bengal SSC Scam: पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित एसएससी घोटाले में ईडी की जांच से तरह-तरह के खुलासे हो रहे हैं। ममता बनर्जी की सरकार के एक पूर्व मंत्री की मदद से किस तरह करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया, यह बात अब सामने आ रही है। ईडी की जांच में अभी तक करीब 50 करोड़ से अधिक कैश के साथ-साथ करोड़ों के जेवरात और प्रोपर्टी के पेपर मिले हैं।
इस बीच अब इस केस में एक नया खुलासा हुआ है। इस घोटाले के मुख्य सूत्रधार और बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से ईडी की टीम ने एलआईसी की 31 पॉलिसियों के पेपर जब्त किए हैं। ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ये सभी एलआईसी अर्पिता मुखर्जी के नाम पर है। इस बीच सबसे अहम बात यह है कि इन सभी पॉलिसी में नॉमिनी की जगह पार्थ चटर्जी का नाम लिखा है।
पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार कर चुकी है ईडी-
यह जानकारी ईडी की रिमांड कॉपी से मिली है। कहा जा रहा है कि टीएमसी के निलंबित मंत्री पार्थ चटर्जी ने अर्पिता मुखर्जी के साथ एलआईसी पॉलिसी के जरिए बड़ा निवेश कर रखा था। इस मामले में अभी तक की जांच में यह बात साफ हो चुकी है कि पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी यूटीलिटी कंपनी के साझेदार थे। इन दोनों ईडी गिरफ्तार कर चुकी है। इनसे पूछताछ की जा रही है। अभी तक की पूछताछ में बरामद कैश के बारे में इन दोनों ने कोई ठोस और विश्वसनीय जानकारी नहीं दी है।
ईडी के अधिकारियों के सामने बड़ा सवाल- ये रिश्ता क्या कहलाता है-
दूसरी ओर एलआईसी हो या कोई और पॉलिसी, आम तौर पर पॉलिसी होल्डर नॉमिनी में अपने परिवार के किसी संबंधी माता-पिता अथवा पत्नी का नाम देता है। लेकिन अर्पिता मुखर्जी ने हर पॉलिसी में पार्थ चटर्जी का नाम दिया। जबकि पार्थ चटर्जी के साथ उनका ऐसा कोई नजदीकी रिश्ता नहीं है। ऐसे में जब इस बात की जानकारी सामने आई तो ईडी के अधिकारियों के सामने भी यह सवाल खड़ा हुआ ये रिश्ता क्या कहलाता है।
Published on:
04 Aug 2022 10:43 pm
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