देश की 16वीं जनगणना डिजिटल होगी यानी कॉपी-पेन के बिना। पहले जनगणना अधिकारी घर-घर जाते थे और फॉर्म भरते थे। ये फॉर्म डेटा प्रोसेसिंग सेंटर भेजे जाते थे और इनका विश्लेषण होता था। इस बार डोर टू डोर जाने वाले जनगणना वर्करों के हाथ में टैबलेट और स्मार्टफोन होगा।
जनगणना में जनसंख्या की जानकारी ली जाती है। इसमें मृत्यु दर, जन्म दर, भाषाएं आदि की सूचना होती है। इसमें स्थान, संस्कृति और आर्थिक डेटा हर 10 साल बाद लिया जाता है।
वर्कर घर-घर जाएंगे और स्मार्टफोन व टैबलेट के जरिए सीधे पोर्टल पर जानकारी दर्ज करेंगे। नागरिक के खुद भी जानकारी भरने का प्रावधान है। डेटा इकट्ठा करने के लिए मोबाइल ऐप बनाया गया है और पोर्टल के जरिए जनगणना से जुड़े कामकाज की देखरेख होगी।
एक्सपर्ट बताते हैं कि डिजिटल टूल आने से जनगणना का काम जल्दी निपट जाएगा और अगर सारा डेटा डिजिटल में आ गया तो विश्लेषण करना आसान होगा। मसलन कितनी तरह की जातियां, उनकी जनसंख्या, सवर्ण-अल्पसंख्यक आदि तरह के आंकड़ों का विश्लेषण करने में आसानी होगी।
जनता को आत्मगणना का ऑप्शन है। रिस्पॉन्डेंट को जनगणना से जुड़े सवाल का खुद ही जवाब देना होगा। एक बार पोर्टल खुला, कोई भी उसमें अपने मोबाइल नंबर के जरिए Login कर अपनी और परिवार की जानकारी भर सकता है। पोर्टल पर एक फॉर्म खुलेगा, उसके साथ कोड दिए होंगे जिसे फॉर्म में पूछे गए सवाल के आगे भरना होगा।
एक बार आत्मगणना पूरी होने के बाद एक Identification Number उस व्यक्ति के मोबाइल नंबर पर आ जाएगा। जब आत्मणना करने वाला अपने घर की जानकारी भरेगा तो ID नंबर उससे शेयर कर दी जाएगी, जिससे पहले भरा गया डेटा अपने आप लिंक हो जाएगा। इस तरीके से 16वीं जनगणना डिजिटल होगी।
Updated on:
07 Jun 2025 05:15 pm
Published on:
04 Jun 2025 09:40 pm