
दिल्ली में गुरुवार, 20 मार्च 2025 को इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने एक भव्य इफ्तार पार्टी का आयोजन किया, जिसमें राजनीति और समाज के कई दिग्गज चेहरों ने शिरकत की। इस मौके पर कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव एक ही टेबल पर 'इफ्तारी' खाते नजर आए। उनके साथ सपा सांसद जया बच्चन और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी मौजूद थे। यह नजारा न केवल सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना, बल्कि रमजान के पवित्र महीने में विभिन्न दलों के नेताओं के बीच एकता का संदेश भी दे गया।
इस इफ्तार पार्टी में शामिल होने पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, "इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग हमारी सहयोगी है और संसद के दोनों सदनों में उनकी बहुत मजबूत उपस्थिति है। उनके वरिष्ठ नेता केरल और राष्ट्रीय IUML प्रतिष्ठान से आए हैं। हम इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए यहाँ आकर बहुत खुश हैं और IUML को रमजान की शुभकामनाएँ देते हैं। सभी को रमजान मुबारक हो।" थरूर के इस बयान से साफ है कि यह आयोजन गठबंधन की मजबूती को भी दर्शाता है।
राज्यसभा सांसद और मशहूर लेखिका सुधा मूर्ति ने भी इस मौके पर अपनी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, "मैं सभी को शांतिपूर्ण और खुशहाल रमजान की शुभकामनाएं देती हूँ।" वहीं, भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पी.टी. उषा ने IUML के निमंत्रण पर खुशी जताते हुए कहा, "मुझे खुशी है कि उन्होंने मुझे आमंत्रित किया। इससे पहले भी उन्होंने मुझे बुलाया था। पिछली बार इसका आयोजन केरल में हुआ था। मैं इसमें शामिल होकर खुश हूँ।"
आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने भी इस इफ्तार पार्टी में शिरकत की और देश की एकता के लिए दुआ की अपील की। उन्होंने कहा, "आज IUML की ओर से इस इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया था। मैं उनकी पार्टी के लोगों को और जितने भी लोग आज यहाँ इस पार्टी में शामिल हुए हैं, उन्हें रमजान की मुबारकबाद देता हूँ और सबसे यही अपील करता हूँ कि इस देश के अमन, शांति, खुशहाली के लिए दुआ करें।"
इस इफ्तार पार्टी में सोनिया गांधी, अखिलेश यादव, जया बच्चन और मल्लिकार्जुन खरगे जैसे नेताओं की मौजूदगी ने सियासी एकता की मिसाल पेश की। IUML, जो मुख्य रूप से केरल में सक्रिय है, ने इस आयोजन के जरिए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान को और मजबूत करने की कोशिश की। सोनिया गांधी और अखिलेश यादव का एक ही टेबल पर बैठकर इफ्तार करना न केवल सामाजिक समरसता का संदेश देता है, बल्कि विपक्षी दलों के बीच सहयोग को भी उजागर करता है।
Updated on:
20 Mar 2025 08:29 pm
Published on:
20 Mar 2025 08:27 pm
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