
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का चेहरा हर पल मुस्कान से भरा रहा है। यहां कभी कुछ भी हो जाए, लेकिन उनके मुस्कान में कभी कमी नहीं आई। बिरला ने कई मौकों पर संतुलित और निष्पक्ष तरीके से इस सदन का नेतृत्व किया। गुस्से, आरोप-प्रत्यारोप के क्षण आए, लेकिन उन्होंने धैर्यपूर्वक स्थिति को नियंत्रित किया और सदन चलाया।
PM मोदी ने 15 मिनट तक की ओम बिरला की तारीफ
पीएम ने यह बातें 17 वीं लोकसभा के कार्यकाल के अंतिम सत्र के अंतिम दिन शनिवार को कही। मोदी ने करीब 42 मिनट का भाषण दिया, जिसमें करीब 15 मिनट उन्होंने बिरला के कार्यों की तारीफ में कहे। मोदी ने कहा कि पिछले पांच साल के दौरान सदी का सबसे बड़ा संकट मानव जाति ने झेला, कौन बचेगा, कौन नहीं, कोई किसी को बचा पाएगा या नहीं। घर छोड़कर निकलना भी मुश्किल था, उसके बाद भी संसद बैठी, लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने देश का काम रुकने नहीं दिया। पीएम मोदी ने कहा कि इस दौरान सांसदों ने अपनी सैलरी से 30 प्रतिशत की कटौती का फैसला खुद किया।
पी-20 से बढ़ाया देश का मान
मोदी ने कहा कि जिस तरह से जी-20 से देश का मान बढ़ा है, उसी तरह बिरला के नेतृत्व में पी-20 हुआ। इसमें कई देशों के संसद अध्यक्ष आए और लोकतंत्र की जननी के मूल तत्त्व को सामने रख देश का मान बढ़ाया है।
महापुरुषों के जयंती पर नई पहल
मोदी ने कहा कि महापुरुषों की जयंती पर बिरला ने नई पहल शुरू की। इसके तहत देशभर में महापुरूषों पर निबंध प्रतियोगिता शुरू करवाई। इसमें हर राज्य से चयनित सर्वश्रेष्ठ दो-दो विद्यार्थियों को जयंती के दिन दिल्ली बुलाया जाता। वे दिनभर संसद में रहते और व्याख्यान देते हैं। यह परंपरा बिरला के खाते में रहेगी और इसे आगे भी बढ़ाया जाएगा।
पेपरलेस संसद
मोदी ने कहा कि बिरला ने ही संसद को पेपरलेस बनाया गया। उन्होंने लोकसभा की 97 फीसदी उत्पादकता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हमें संकल्प लेना होगा कि आगे शतप्रतिशत उत्पादकता रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 17 वीं लोकसभा के पहले सत्र में 30 विधेयक पारित किए गए, जो रेकॉर्ड है। इस लोकसभा ने नए बेंचमार्क मनाए हैं।
बिरला के नेतृत्व में नया भवन
मोदी ने कहा कि संसद के नए भवन की चर्चा पिछले कई लोकसभा के दौरान हुई, लेकिन ओम बिरला के नेतृत्व में निर्णय हुआ। उनके समय चीजें आगे बढ़ीं। उन्होंने सरकार के साथ कई बैठकें कीं। इसी का परिणाम है कि देश को नया संसद भवन मिला। सेंगुएल को यहां स्थापित करने की आजादी के पहले की परंपरा भी बिरला ने कायम की। यह आने वाली पीढ़ियों को इससे जोड़कर रखेगा।
लाइब्रेरी आम लोगों के लिए खोली
मोदी ने कहा कि बिरला ने संसद की लाइब्रेरी के दरवाजे सामान्य व्यक्ति के लिए खोल दिए। ज्ञान का ये खजाना, परंपराओं की ये विरासत जनसामान्य के लिए खोल कर बहुत बड़ी सेवा की है। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि कैंटीन में सभी के लिए खाने की दर समान कर बिरला ने हम सभी को गालियां खाने से बचा लिया।
Published on:
11 Feb 2024 08:17 am
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