
सिद्धारमैया vs शिवकुमार कौन कितना मजबूत?
Karnataka CM Race Siddaramaiah Vs Shivakumar: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को प्रचंड बहुमत मिला है। कर्नाटक में अगले चार दिनों के अंदर नई सरकार का शपथ ग्रहण होने वाला है। अभी मुख्यमंत्री का नाम फाइनल नहीं हो पाया है। ऐसे में सीएम पद को लेकर कांग्रेस में मंथन जारी है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया और प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष डीके शिवकुमार दोनों सीएम पद की दौड़ में शामिल है। इतना ही नहीं दोनों ही दिग्गज नेता इसके प्रबल दावेदार भी माने जा रहे हैंं। दावेदारी को लेकर दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच कर्नाटक में पोस्टर वार भी शुरू हो चुकी है। ऐसे में सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों में से एक को चुनना कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता है।
सिद्धारमैया का मजबूत पक्ष
- सिद्धारमैया का प्रदेश में राजनीतिक अनुभव काफी लंबा है। वे पहले भी मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी बखूबी निभा चुके है।
- उनका दूसरा मजबूत पक्ष यह है कि वे कुरुबा समुदाय के नेता है। यह समुदाय ओबीसी में आता है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव कांग्रेस ओबीसी कार्ड के तौर पर खेल सकती है।
- राजनीति अनुभव के साथ—साथ जनता में भी उनकी साफ सुधरी छवि है। ऐसे वे लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं।
- जनता के साथ—साथ विधायकों में भी सिद्धरमैया की अच्छी पकड़ हैं। बताया जा रहा है कि करीब 60 प्रतिशत विधायक उनके साथ है।
सिद्धारमैया की कमजोर कड़ी
- सिद्धरमैया की उम्र 75 की हो गई है। ऐसे में आलाकमान उम्रदराज की जगह युवा को मौका देे सकती है। क्योंकि पार्टी युवाओं मौका देने की बात कह चुकी है।
- सिद्धरमैया कांग्रेस के धुर-विरोधी रह चुके। वे 18 साल पहले कांग्रेस में शामिल हुए है।
सिद्धारमैया का राजनीतिक करियर
सिद्धारमैया के माता-पिता चाहते थे कि उनका बेटा डॉक्टर बने। लेकिन उन्होंने वकालत चुनी और इसके बाद राजनीति में आ गए। सिद्धारमैया के राजनीतिक करियर की बात करें तो उन्होंने साल 1978 में राजनीति में कदम रखा। वह कर्नाटक विधानसभा में विभिन्न पदों पर रहें।
कांग्रेस में शामिल होने से पहले सिद्धारमैया ने सालों तक एच. डी. देवेगौड़ा के साथ निष्ठापूर्ण तरीके से काम किया। विधायक, वित्त मंत्री, उपमुख्यमंत्री के बाद साल 2013 में सिद्धारमैया ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। सिद्धारमैया ने कर्नाटक के मैसूर क्षेत्र में वरुणा सीट से जीत हासिल कर ली है। सिद्धारमैया कुरुबा समुदाय के नेता हैं, उनकी अन्य समुदायों पर भी अच्छा प्रभाव है।
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शिवकुमार का मजबूत पक्ष
- डीके शिवकुमार शुरू से ही कांग्रेस से जुड़े रहे। वे कांग्रेस के वफादार सिपाही भी है।
- कांग्रेस के संकट प्रबंधक के तौर पर जाने जाते है। डीके ने देश के विभिन्न हिस्सों में खुद को साबित किया है। चाहे राजस्थान का संकट को या फिर अहमद पटेल का राज्यसभा चुनाव हर बार उन्होंने पार्टी को संकट से उभारा है।
- डीके वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं। प्रदेश में इस समुदाय के लोगों काफी संख्या है।
- शिवकुमार ने प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर पार्टी को 2013 में बड़ी जीत दिलाई थी।
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डीके का कैसा रहा राजनीतिक करियर
डीके शिवकुमार का राजनीतिक जीवन साल 1980 के दशक में एक छात्र नेता के रूप में शुरू हुआ था। इसके बाद पहली बार 1989 में मैसूरु जिले के सथानूर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक बने। उस दौरान उनकी उम्र मात्र 27 वर्ष ही थी। शिवकुमार शुरू से ही कांग्रेस में रहे हैं। उन्होंने साल 1994, 1999 और 2004 के विधानसभा चुनावों में उसी निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की।
इसके बाद शिवकुमार साल 2008, 2013, 2018 और 2023 में कनकपुरा निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की। दो जुलाई 2020 को शिवकुमार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए। अब तक वे आठ बार कर्नाटक में विधायक चुनाव जीत चुके हैं।
पर्यवेक्षक आलाकमान को सौंपेंगे रिपोर्ट
मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी मंथन के बीच रविवार को बेंगलुरु में विधायक दल की बैठक हुई। इसमें एक पारित प्रस्ताव के मुताबिक पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को यह अधिकार दिया गया है। अब खरगे ही विधायक दल का नेता चुनेंगे।
इसके साथ ही कर्नाटक के लिए सुशील कुमार शिंदे के साथ दीपक बावरिया और जितेंद्र सिंह को पर्यवेक्षक बनाए गए है। ये तीनों विधायकों से बातचीत करेंगे और उनकी बात को आलाकमान तक पहुचाएंगे।
कांग्रेस को मिला पूर्ण बहुमत
13 मई को आए कर्नाटक विभानसभा चुनावी नतीजे में कांग्रेस के खाते में 135 सीटे आई है। जबकि भाजपा को मात्र 66 सीटों पर जीत मिली है और जेडीएस 19 सीटों पर सिमट कर रह गई। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है। कांग्रेस ने चुनाव से पहले सीएम चेहरे का ऐलान नहीं किया था। अब पार्टी को कर्नाटक में मिली जीत के बाद सीएम चेहरे पर सस्पेंस बरकरार है।
Published on:
15 May 2023 06:03 pm
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