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क्यों मनीष सिसोदिया के घर पर CBI कर रही छापेमारी? जानिए क्या है पूरा मामला

locationनई दिल्लीPublished: Aug 19, 2022 09:48:16 am

दिल्ली के डिप्टी सीएम और आम आदमी पार्टी के कद्दावर नेता मनीष सिसोदिया के घर पर आज सुबह सुबह सीबीआई ने रेड की है। हालांकि इस छापेमारी को लेकर पहले ही आम आदमी पार्टी ने आशंका जताई थी और कहा था कि, बीजेपी मनीष सिसोदिया को फंसाने की साजिश रच रही है। विस्तार से जानते हैं क्या है पूरा मामला

Why CBI Raid to AAP Leader Manish Sisodia House Know Details Here

Why CBI Raid to AAP Leader Manish Sisodia House Know Details Here

दिल्ली की सियासत में एक बार फिर पारा हाई हो गया है। वजह है कि डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर सीबीआई की छापेमारी। सीबीआई शुक्रवार सुबह-सुबह आप के कद्दावर नेता मनीष सिसोदिया के घर समेत दिल्ली-एनसीआर के 20 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। सीबीआई की इस छापेमारी को लेकर आम आदमी पार्टी के नेताओं ने बीजेपी को आड़े हाथों लिया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने जहां इसे बीजेपी की साजिश बताया वहीं सौरभ भारद्वाज ने भी कहा है कि, पहले सत्येंद्र जैन और अब मनीष सिसोदिया, काम करने वालों से घबरा रही है मोदी सरकार। जबकि बीजेपी के नेताओं का कहना है कि, अगर आप नेता इमानदार हैं तो रेड से घबराने की जरूरत नहीं है। इन सबके बीच ये जान लेना जरूरी है कि आखिर मनीष सिसोदिया सीबीआई के निशाने पर क्यों आए? ऐसी क्या वजह है जो मनीष सिसोदिया के घर तक सीबीआई पहुंच गई।

दिल्ली की आबकारी नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 में गड़बड़ी के आरोपों के बाद पिछले दिनों उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट के आधार पर इस जांच के आदेश दिए गए।

दरअसल बीजेपी लगातार आरोप लगा रही है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में शराब के ठेकों की संख्या बढ़ाई है और अपने करीबियों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की है।

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सीबीआई जांच का आदेश देने के बाद उपराज्यपाल के दफ्तर ने एक बयान जारी किया था। इस बयान में कहा गया था कि, मुख्य सचिव की रिपोर्ट से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम 1991, व्यापारिक लेनदेन की नियमावली-1993, दिल्ली आबकारी अधिनियम 2009 और दिल्ली आबकारी नियम 2010 के उल्लंघनों की जानकारी मिली है।

इतना ही नहीं इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शराब उत्पादन, ‘होल सेलर’ और बिक्री से जुड़ा काम एक ही व्यक्ति की कंपनियों को दिया गया।
इसके साथ ही दिल्ली सरकार पर कोरोना महामारी के नाम पर शराब ठेकेदारों को मनमानी तरीक से 144 करोड़ रुपए की छूट देने का भी आरोप है। आप सरकार की इस कदम से दिल्ली के राजस्व को काफी नुकसान बताया गया।


इस रिपोर्ट में ये आरोप भी लगाया गया कि, इस तरह से ठेके देना एक्साइज पॉलिसी का उल्लंघन है। इस मामले में अधिकार न होते हुए भी एक्साइज पॉलिसी में बदलाव किए गए। इसी वजह से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर सवाल उठाए गए और वो जांच के घेरे में आए।

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