
चंद्रयान-3 मिशन की सफतला में अहम भूमिका निभाने वाले इसरो चीफ एस. सोमनाथ ने पूर्व इसरो चीफ के. सिवन पर एक आरोप लगाया। आरोप लगाने की यह खबर दक्षिण भारत में प्रकाशित होने वाली एक अख़बार में छपी है। जिसमें एस. सोमनाथ ने कहा, 'के. सिवन ने उनके इसरो प्रमुख बनने में बाधा डाली थी। वो नहीं चाहते थे कि मैं (सोमनाथ) इसरो चीफ बनूं। मौजूदा इसरो चीफ ने यह आरोप अपने जीवन पर आधारित किताब 'निलावु कुडिचा सिम्हंल' में लगाया है। इस बारे में एस सोमनाथ ने आगे बताया कि किसी भी इंसान को किसी बड़े संस्थान में सबसे ऊंचे पद पर जाने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कई बाधाओं को पार करना होता है। उनके करियर में भी वैसी ही समस्याएं आईं।
चंद्रयान-2 मिशन इस वजह से हुआ था फेल
अपने ऑटोबायोग्राफी में एस. सोमनाथ ने बताया कि किसी भी एक ऊंचे पद के लिए कई लोग लाइन में होते हैं। सब टैलेंटेड होते हैं। मैं किसी भी एक व्यक्ति पर निशाना नहीं साध रहा हूं। मुझे किसी से कोई दिक्कत नहीं है। चंद्रयान-2 कैसे फेल हुआ था इस बारे में बात करते हुए एस. सोमनाथ ने कहा कि जल्दबाजी के चक्कर में यह मिशन फेल हुआ था। क्योंकि मिशन से पहले जितने टेस्ट होने चाहिए थे, जितनी परिपक्वता बरती जानी चाहिए थी, वो नहीं किए गए थे।
सोमनाथ ने चंद्रयान-2 की विफलता का जिक्र क्यों किया, इसका जवाब भी दिया। सोमनाथ ने कहा, वो यह मानते हैं कि जो जैसा हो रहा है, उसे उसी तरह से बताना चाहिए। लोगों को अंधेरे में नहीं रखना चाहिए। इससे संस्थान में पारदर्शिता आती है। उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने यह ऑटोबायोग्राफी लोगों को प्रेरित करने के लिए लिखी है। ताकि लोग अपनी चुनौतियों से घबराएं नहीं बल्कि हिम्मत दिखा कर लड़ते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा ले सकें। बता दें कि यह किताब जल्द ही मार्केट में उपलब्ध होगी।
Published on:
04 Nov 2023 05:28 pm
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