
'Will Lose Identity', AIIMS Faculty Association Writes To Centre, Opposes Proposal For Renaming AIIMS Delhi
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के फैकल्टी एसोसिएशन (FAIMS) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखकर एम्स के नाम बदलने के प्रस्ताव को लेकर चिंता व्यक्त की है। FAIMS ने पत्र के माध्यम से कहा है कि AIIMS का नाम बदलने से इसकी पहचान खो जाएगी, जिसके कारण FAIMS के सभी सदस्यों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इससे पहले FAIMS ने देश भर के सभी 23 एम्स के फैकल्टी सदस्यों से पत्र लिखकर सरकार के इस प्रस्ताव के बारे में राय मांगी थी।
FAIMS ने नाम बदलने के सरकार के प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा है कि "नाम किसी की पहचान से जुड़ा होता है। जब किसी संस्थान की पहचान खो जाती है तो वह देश के अंदर व बाहर संस्थागत मान्यता खो देता है। यही कारण है कि ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज और हार्वर्ड विश्वविद्यालयों जैसे प्रसिद्ध संस्थानों का नाम सदियों से एक ही है।
FAIMS ने नाम न बदलने का किया अनुरोध
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को लिखे पत्र के माध्यम से FAIMS ने अनुरोध करते हुए कहा कि "कृपया एम्स का नाम बदलने के किसी भी प्रस्ताव पर विचार न करें। यदि यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है, तो सम्मानित चिकित्सा संस्थान को पहचान और मनोबल का नुकसान होगा। इसके साथ ही FAIMS परिसर में आवास, प्रशासन सुधार जैसे कई लंबे समय से लंबित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री से एक बैठक का भी अनुरोध किया।
एम्स ने अपने मिशन को किया पूरा
FAIMS ने कहा कि दिल्ली एम्स को साल 1956 में चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और रोगियों के देखभाल के मिशन के साथ बनाया गया था, जिसके अपनी स्थापना के बाद से ही अपने मिशन को पूरा किया है। यह लगातार NIRF रैंकिंग में पहले स्थान पर बना हुआ है।
Published on:
17 Sept 2022 03:03 pm
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