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Monsoon Alert : सितम्बर में भी होगी अच्छी बरसात, इस बार देरी से लौटेगा मानसून

मौसम विभाग का पूर्वानुमान : भारी बारिश से उत्तर भारत में और अधिक बिगड़ेंगे हालात, देशभर में फसलों को नुकसान की संभावना उत्तराखंड में भारी भूस्खलन व बाढ़ का खतरा, राजस्थान व नई दिल्ली तक अलर्ट जारी दक्षिणी-पश्चिमी मानसून की अधिक सक्रियता के कारण इस बार जुलाई-अगस्त में कई राज्यों में रेकॉर्ड बारिश हुई। अच्छी […]

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मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट किया जा

मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट किया जारी (File Photo)


मौसम विभाग का पूर्वानुमान : भारी बारिश से उत्तर भारत में और अधिक बिगड़ेंगे हालात, देशभर में फसलों को नुकसान की संभावना

उत्तराखंड में भारी भूस्खलन व बाढ़ का खतरा, राजस्थान व नई दिल्ली तक अलर्ट जारी

दक्षिणी-पश्चिमी मानसून की अधिक सक्रियता के कारण इस बार जुलाई-अगस्त में कई राज्यों में रेकॉर्ड बारिश हुई। अच्छी बारिश का यह दौर सितम्बर में भी जारी रहेगा। मौसम विभाग के मुताबिक 15 अगस्त से 31 अगस्त तक हिमालय रेंज के जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल में भारी बारिश के चलते इस बार मानसून के समय पर लौटने के संकेत नहीं है। ताजा पूर्वानुमान के अनुसार पूरे सितम्बर माह में भी अच्छी बारिश की पारी चलती रहेगी।

आईएमडी के अनुसार आमतौर पर मानसून सितम्बर आते ही लौटने लगता है। मानसून के लौटने का समय 17 सितम्बर तक है। लेकिन इस बार जिस तरह से मानसून का पैटर्न नजर आ रहा है, उस हिसाब से 15 सितम्बर बाद मौसम के डेटा से पता चलेगा कि मानसून किस तरह लौटेगा। साथ ही लौटते समय भी अत्यधिक बारिश की संभावना रहेगी।

उत्तराखंड में बाढ़ का खतरा, राजस्थान तक अलर्ट : एमआइडी
आइएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने चेतावनी दी है कि सितम्बर में भारी बारिश से उत्तराखंड में भूस्खलन और अचानक भारी बाढ़ आ सकती है। नदियों में जलप्रवाह ज्यादा बढऩे से हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के कई क्षेत्रों का सामान्य जनजीवन भी बाधित हो सकता है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ के महानदी के उपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना है। पूरे देश में सितम्बर माह में कुल सामान्य वर्षा से दीर्घावधि औसत 109 फीसदी ज्यादा बारिश हो सकती है। ऐसे में सितम्बर में स्थिति और अधिक बिगडऩे की आशंका है। अतिरिक्त बारिश के कारण खेतों में जलभराव होने पर खड़ी फसलों को नुकसान की संभावना रहेगी।

अगस्त में बादलों ने ढाया कहर

अगस्त माह में मानसून ने जम्मू-कश्मीर व हिमाचल से लेकर उत्तराखंड व पंजाब में बाढ़ का कहर ढा दिया। मानसून सीजन में इस बार 31 अगस्त तक देश में 743.2 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है। यह आंकड़ा सामान्य बारिश से 6.1 प्रतिशत ज्यादा है। देश के 32 राज्यों में औसत का आंकड़ा जुलाई माह के आखिरी में ही पूरा हो गया था। अगस्त माह में इन राज्यों में औसत से ज्यादा अतिरिक्त पानी बरसा।

उत्तर भारत में 24 साल का रेकॉर्ड टूटा
उत्तर भारत में अगस्त माह में बारिश का 24 साल का रेकार्ड टूट चुका है। आईएमडी के अनुसार उत्तर-पश्चिम भारत में अगस्त की बारिश 2001 के बाद से सबसे अधिक और 1901 के बाद से 13 वीं सबसे अधिक बारिश थी। उत्तर-पश्चिम भारत में अगस्त में 260.5 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 34.4 प्रतिशत अधिक दर्ज की है।

उत्तराखंड में फिर भूस्खलन
पिछले कई दिनों से हिमालय रेंज में बादलों के फटने एवं भूस्खलन की आपदाएं आ रही है। उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद फिर आपदा आ गई। पिथौरागढ़ में धौलीगंगा स्थित बिजली परियोजना की आपातकालीन सुरंगों में शनिवार शाम को भारी भूस्खलन से एनएचपीसी के 19 कर्मचारी फंस गए। टनल के आगे अचानक भारी मलबा आकर गिर जाने से रास्ता बंद हो गया था। आपदा दलों ने कई घंटों तक मलबा हटाने की कार्रवाई करते हुए सभी कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।