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‘मुझे फोन भी तो कर सकते थे’, नोटिस जारी होने पर भड़के बीजेपी नेता, आलाकमान को सुनाई खरी-खरी

पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता जयंत सिन्हा ने झारखंड बीजेपी की ओर से जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दिया है। सिन्हा ने आदित्य साहू के नाम लिखी चिट्ठी में कहा है कि उनके ऊपर पार्टी के विरुद्ध काम करने के जो आरोप लगाए गए हैं, वे पूरी तरह बेबुनियाद हैं।

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मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री रहे हजारीबाग के सांसद जयंत सिन्हा ने पार्टी की ओर से जारी शो-कॉज नोटिस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। शो-कॉज नोटिस के जवाब में उन्होंने हैरानी जताई है। झारखंड भारतीय जनता पार्टी ने 20 मई की शाम उन्हें नोटिस जारी किया था, जिसमें मताधिकार का इस्तेमाल न करने और चुनाव प्रचार में रुचि न लेने पर उनसे जवाब देने को कहा गया था। जयंत सिन्हा ने लंबी चिट्ठी में डिटेल में अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का जवाब दिया है। उन्होंने पॉइंट बाय पॉइंट सभी आरोपों का जवाब देते हुए झारखंड बीजेपी के प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया। जयंत ने अपने पत्र में साहू की मंशा पर सवाल उठाते हुए लिखा कि उनकी परिस्थितियों को जानते हुए नोटिस जारी करना उचित नहीं है, आप फोन भी कर सकते थे।

जयंत सिन्हा ने शो कॉज जारी करने वाले पार्टी के प्रदेश महासचिव आदित्य साहू को भेजे गए जवाब में कहा, "सर्वप्रथम मैं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ हुए वार्तालाप को आपके ध्यान में लाना चाहता हूं। 2 मार्च 2024 के लोकसभा चुनाव से काफी समय पहले ही मैंने सक्रिय चुनावी गतिविधियों में भाग न लेने का निर्णय लिया था, ताकि मैं वैश्विक जलवायु परिवर्तन से उपजे हुए मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर सकूं। इस निर्णय की सार्वजनिक घोषणा मैंने एक ट्वीट के माध्यम से स्पष्टता और पारदर्शिता के लिए की थी।"

दिए सबूत

अपने पत्र में उन्होंने लिखा, "मैंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से आग्रह किया था मुझे सक्रिय चुनावी गतिविधियों से मुक्त किया जाए, ताकि मैं भारत और विश्व भर में वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने और उसका समाधान करने के लिए अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर सकूं। इसके साथ ही मैं आर्थिक और शासन संबंधित विषयों पर पार्टी के साथ काम करना सहर्ष जारी रखूंगा। मुझे विगत 10 वर्षों में भारत और हजारीबाग के लोगों की सेवा करने का गौरव प्राप्त हुआ है। इसके अलावा मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी नेतृत्व की ओर से प्रदान किए गए कई दायित्वों का निर्वहन करने का अवसर प्राप्त हुआ है। इसके लिए मैं जेपी नड्डा और नेतृत्व के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं।"

उन्होंने आगे लिखा, "इस ट्वीट से स्पष्ट है कि 2 मार्च 2024 को ही लोकसभा चुनाव में मैंने भाग न लेने की सार्वजनिक घोषणा कर दी थी। जेपी नड्डा से शाम की बैठक और उनकी स्वीकृति प्राप्त करने के बाद मैंने यह सार्वजनिक रूप से स्पष्ट कर दिया था कि मैं चुनाव में सम्मिलित नहीं हो रहा हूं। मैं आर्थिक और शासन से संबंधित नीतियों पर पार्टी के साथ काम करना जारी रखूंगा।"

किसी ने चुनाव प्रचार के लिए संपर्क ही नहीं किया

पार्टी की तरफ से चुनाव प्रचार न करने के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने लिखा, "अगर पार्टी चाहती थी कि मैं किसी प्रकार की चुनावी गतिविधियों में भाग लूं, तो निश्चित रूप से आप मुझसे संपर्क कर सकते थे। हालांकि, 2 मार्च 2024 को मेरी घोषणा के बाद झारखंड के किसी भी वरिष्ठ नेता, पार्टी कार्यालय के पदाधिकारी या सांसद-विधायक ने मुझसे संपर्क नहीं किया। मुझे किसी भी पार्टी कार्यक्रम, रैली या संगठनात्मक बैठक के लिए आमंत्रित नहीं किया गया। यदि बाबूलाल मरांडी या अन्य कार्यकर्ता मुझसे संपर्क करना चाहते थे तो वो निश्चित रूप से मुझे आमंत्रित कर सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।"

25 साल से पार्टी की सेवा कर रहा हूं

जयंत सिन्हा ने आगे लिखा,"निजी कारणों से मैं विदेश चला गया था। हजारीबाग से बाहर जाने से पहले मैंने पोस्टल बैलेट प्रक्रिया के माध्यम से अपना वोट दिया। भारतीय जनता पार्टी के साथ अपने 25 वर्षों की सेवा के दौरान मैं दो बार सांसद, केंद्रीय राज्य मंत्री और लोकसभा की वित्त संबंधी संसदीय स्थायी समिति का अध्यक्ष रहा हूं। हजारीबाग में मेरे विकास और संगठनात्मक कार्यों को व्यापक रूप से सराहा गया है, जिसका सबसे बड़ा साक्ष्य वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव का रिजल्ट है। इसमें रिकॉर्ड मतों से मेरी जीत हुई थी।"