रिटायरमेंट के दिन जस्टिस एएस ओका ने कहा कि न्यायाधीशों को दृढ़ रहना चाहिए और किसी को अपमान करने में संकोच नहीं करना चाहिए।
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में जज एएस ओका का शुक्रवार को अंतिम कार्यदिवस था। उनकी विदाई के मौके पर कुछ हंसी-मजाक भरे पल भी आए। वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जस्टिस एएस ओका को विदाई भाषण का जैसे ही समापन किया, इसके बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चुटकी लेते हुए कहा- लॉर्डशिप ने आज एक और अद्भुत काम किया। डॉ. सिंघवी को बिना पैसे दिए बोलवा दिया। वह ऐसा बहुत कम करते हैं।
इस पर सीजेआई बीआर गवई ने हंसते हुए कहा- नहीं नहीं, वह हर समारोह में होते हैं।
इस पर वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा- वह (तुषार मेहता) हमेशा की तरह एक बार फिर मेरे खिलाफ विवादास्पद बयान दे रहे हैं।
इस पर सीजेआई बीआर गंवई ने चुटकी ली और कहा- बेहतर होगा कि एसजी अपना बयान वापस ले लें।
जस्टिस ओका ने कहा- डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी और सॉलिसिटर जनरल के बीच ये तो हमेशा चलता रहेगा।
जस्टिस अभय एस. ओका ने अपने रिटायरमेंट के दिन शुक्रवार को परंपरा तोड़ते हुए 11 महत्वपूर्ण फैसले सुनाए। यह उल्लेखनीय है क्योंकि आमतौर पर सुप्रीम कोर्ट के जज अपने अंतिम कार्यदिवस पर फैसले नहीं सुनाते। जस्टिस ओका ने अपनी मां के निधन के एक दिन बाद भी मुंबई से दिल्ली लौटकर, अपनी कर्तव्यनिष्ठा का परिचय दिया।
जस्टिस एएस ओका ने कहा कि न्यायाधीशों को दृढ़ रहना चाहिए और किसी को अपमानित करने में संकोच नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ एक वजह से कठोर था। मैं हमारे संविधान द्वारा निर्धारित सिद्धांतों को कायम रखना चाहता था।
जस्टिस एएस ओका ने कहा कि एक बार मुझे एक न्यायाधीश ने सलाह दी थी, कि आप आप लोकप्रिय होने के लिए जस्टिस नहीं बन रहे हैं। मैंने उनकी सलाह का पूरी तरह से पालन किया। इसलिए आज अप्रत्यक्ष रूप से यह भी कहा गया कि कभी-कभी मैं कठोर हो जाता हूं।
अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि जस्टिस ओका ने स्वतंत्रता, शासन और सत्ता का विनियमन, विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और वंचित वर्गों के आर्थिक और सामाजिक उत्थान जैसे मूल्यों का एक स्पेक्ट्रम पेश किया और उन्हें अपने निर्णयों के माध्यम से व्यक्त किया। वहीं कपिल सिब्बल ने कहा न्यायमूर्ति ओका ने “इस न्यायालय में किसी अन्य की तरह स्वतंत्रता की रक्षा की है।