Dr. Vivek Bindra: वर्ल्ड कप 2023 के सेमीफाइनल में विराट कोहली ने सचिन का 49 वनडे शतकों का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है, जिसके बाद विराट वनडे मैच में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले क्रिकेटर बन चुके हैं। इन्हें अब तक अर्जुन अवार्ड, पद्मश्री और राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड से नवाज़ा जा चुका है। इसके अलावा क्रिकेट का सबसे बड़ा माना जाने वाला आईसीसी अवार्ड कोहली एक या दो बार नहीं बल्कि पूरे 9 बार जीत चुके हैं। इंस्टाग्राम पर आज उनके 263 मिलियन फॉलोअर्स हैं, ये इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट करने का आज 14 करोड़ चार्ज करते ।
Dr. Vivek Bindra: जीत की जिद ने बना दिया किंग कोहली विराट एक मिडिल क्लास परिवार से थे, पिता इनके वकील थे और मां एक घरेलू महिला थी लेकिन अपनी क्रिकेट खेलने की जिद के कारण वो आज यहां तक पहुंच पाए हैं। बचपन से ही एकेडमी में अपने से बड़े खिलाड़ियों के साथ खेला करते थे क्योंकि इनमें आगे बढ़ने की जिद थी। ऐसे कई मौके आए जब मैच के दौरान कोहली को गहरी चोटें भी लगीं लेकिन इन्होंने हार नहीं मानी। 2016 के आईपीएल मैच में विराट (Virat Kohli) को फील्डिंग के दौरान कलाई में चोट लगी तो पूरे दस टांके आए थे। इतनी चोट के बाद भी विराट अपनी पारी खेलने उतरे और जबरदस्त रन बनाने के बाद मैन ऑफ द मैच भी बने।
Dr. Vivek Bindra: कंसिस्टेंसी बनी इनकी सफलता की चाभी अक्सर लोग अपने काम को कल पर टालते हुए नज़र आते हैं लेकिन विराट इसका उल्टा करते हैं, अगर कभी उनका काम करने का मन ना तो वो उस दिन दुगना काम करते हैं। 13 साल की उम्र में विराट का अंडर 14 टीम में सिलेक्शन नहीं किया गया क्योंकि इनके पिता ने वहां रिश्वत देने से मना कर दिया था। विराट इसके बाद एक दिन तक बहुत रोए लेकिन फिर ये ठान लिया कि मैं इतना अच्छा प्लेयर बनूंगा कि कभी भी कोई मुझे किसी भी वजह से रिजेक्ट नहीं करेगा। कंसिस्टेंसी को इन्होंने अपना सक्सेस मंत्र बना लिया, स्कूल जाने के अलावा वो सिर्फ प्रैक्टिस करने लगे और हर दिन 10 घंटे प्रैक्टिस करने का नियम बना लिया। नतीजा ये हुआ कि आगे साल अंडर 15 में उन्हें कप्तान बनाया गया, फिर अंडर 19 में वर्ल्ड कप जिताया और इंडियन क्रिकेट टीम में शामिल भी हो गए।
Dr. Vivek Bindra: हर कठिनाई में अच्छा ढूंढ लेना है विराट की खासियत विराट के जीवन का सबसे कठिन समय और कठिन फैसला लेने का वक्त तब आया जब वो कर्नाटक में रणजी मैच खेल रहे थे। इस मैच में इनकी टीम जीतती तो ये सीधा इंडियन टीम में शामिल हो जाते, यही इनके पिता का भी सपना था। इस मैच के पहले दिन कोहली खेल रहे थे और दूसरे दिन उन्हीं से पारी की शुरुआत होनी थी। लेकिन रात में ही इनके पिता के गुज़र जाने की ख़बर आई, सबको लगा विराट ये मैच अब नहीं खेलेंगे। विराट ने ऐसी स्थिति में खुद को संभाला, अपने पिता के सपने को याद रखते हुए अपने घर पर बात की और उनके अंतिम संस्कार को मैच के बाद करवाने को कहा। खुद मैदान में उतरे मैच जिताया और फिर पिता का सपना पूरा करके उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
विराट का व्यक्तित्व बनाता है उन्हें सबसे अलग Dr. Vivek Bindra: विराट के व्यक्तिव की एक खास बात ये है कि वो हमेशा गलत के खिलाफ आवाज़ उठाते हैं, ऑस्ट्रेलिया के एक खिलाड़ी स्टीव स्मिथ के साथ कोहली की कई बार झड़प हुई है, एक बार स्मिथ पर बॉल टेम्पर करने का आरोप लगा और उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। कुछ समय बाद 2019 के वर्ल्ड कप में स्मिथ खेलने लौटे, उस मैच में विराट बैटिंग कर रहे थे और स्मिथ फील्डिंग कर रहे थे। तब कुछ इंडियंस स्मिथ को चीटर कहकर परेशान करने लगे, तब विराट ने अपनी पिछली लड़ाई को भुलाते हुए स्मिथ का सपोर्ट किया और लोगों को रोका,
यहां तक इंडियंस के बर्ताव के लिए उन्होंने स्मिथ से माफी भी मांगी। Dr. Vivek Bindra: विराट कोहली आज दुनिया के सबसे फिट खिलाड़ियों में शामिल हैं, क्रिकेट की दुनिया का हर बड़ा रिकॉर्ड उनके नाम है, इसीलिए उन्हें आज GOAT यानि कि Greatest of All Time भी कहा जाता है। इस मुकाम के लिए कोहली ने बहुत त्याग और मेहनत का सामना किया है। हर किसी को आज अपने क्षेत्र का विराट बनने की कोशिश करनी चाहिए, अगर आप बिजनेस का विराट बनना चाहते हैं तो इसके लिए आप Billionaire Blueprint Program से जुड़ सकते हैं अपने अपने बिजनेस को नई ऊंचाइयां दे सकते हैं।