
79 Crores of electricity bills dues of government departments
विवेक श्रीवास्तव
नई दिल्ली। देश में आगामी पांच राज्यों के चुनाव में घरेलू बिजली का बिल एक प्रमुख मुद्दा बनता जा रहा है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की ओर से शुरू मुफ्त बिजली की योजना अब पंजाब, उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में प्रमुख मुद्दा बन गया है। पंजाब में कांग्रेस सरकार ने चुनावों से पहले बिजली बिल माफ़ किए है और दर भी सस्ती की है। वहीं उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार आने पर 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने का वादा किया है।
आम आदमी पार्टी ने घरेलू बिजली बिल के मामले में मध्यमवर्गीय मतदाताओं को साधने में बड़ी सफलता हासिल की है और दिल्ली के 200 यूनिट घरेलू बिजली मुफ्त मॉडल को लागू करने का वादा हर चुनावी राज्य में कर रही है। दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमिशन ने 2020-21 के लिए बिजली दरों में भी कोई बदलाव नहीं किया है। दरअसल, बिजली बिल के करंट से अधिकतर मध्यमवर्गीय परिवार प्रभावित होते है, इसलिए पंजाब में चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बिजली दरों में कमी करने के साथ बिल माफ़ भी किए।
उत्तराखंड में पिछले वर्ष एक अप्रैल से बिजली की दरें 3.54 फीसदी बढ़ी थी। हालांकि, प्रतिमाह 100 यूनिट तक उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरें नहीं बढ़ी थी। वहीं उत्तर प्रदेश में पिछले वर्ष बिजली की दरों में कोई बदलाव तो नहीं हुआ लेकिन दिल्ली के मुकाबले उत्तरप्रदेश के लोगों पर बिजली बिल भारी पड़ रहा है।
देश की सबसे महंगी बिजली राजस्थान में -
देश में सबसे महंगी बिजली राजस्थान में है, जिसके चलते घरेलू उपभोक्ता के साथ ही उद्याेगपति भी प्रभावित हो रहे हैं। वर्तमान में राज्य में 7.35 रुपए प्रति यूनिट बिजली की दर है।
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Published on:
03 Jan 2022 06:30 am
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