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इस तरह कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैल रहा, आवाजाही पर ब्रेक लगाकर हो सकती है रोकथाम

Highlights अमरीकी शोधकर्ताओं ने निकाला निष्कर्ष। लॉकडाउन से भी इसे दूर नहीं किया जा सकता। लोगों को खुद अपनी आवाजाही रोकनी होगी।

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corona virus patient

कोरोना वायरस के मरीज का इलाज करता डॉक्टर।

वाशिंगटन। अमरीका में कोरोना वायरस का पहला मामला आने के साथ ही इसके फैलाव को लेकर कई शोध किए जा रहे हैं। इसमें यह निष्कर्ष सामने आया है कि संक्रमण धीरे-धीरे मगर स्तत रफ्तार से बढ़ रहा है। दो माह के आंकड़ों से पता चलता है कि वायरस एक एक्पोनेंशियल कर्व की तरह फैल रहा है।

तीन दिनों में दोगुने हो रहे मरीज

इसके आधार पर तीन दिनों के अंदर कोरोना के मामले दोगुने हो रहे हैं। ऐसे में अमरीका में एक समय बाद 100 मिलियन से अधिक मामले सामने आ सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस फैलाव को अगर रोकना है तो लोगों को एक-दूसरे से दूरी बनानी पड़ेगी। लोगों को अपने मूवमेंट को रोकना पड़ेगा।

अगर इसके फैलाव के गणित को समझा जाए तो बीते एक माह में यह सिर्फ बीमार इंसान से स्वस्थ्य इंसान में ट्रांसमिट हो रहा है। उदाहरण के तौर पर पांच मरीजों के समूह से ये संक्रमण ज्यादा दूर तक नहीं जा सकता है।इस दौरान कुछ लोग इससे रिकवर भी होते हैं। जो किसी को वायरस ट्रांसमिट नहीं कर सकते हैं। किसी शहर में 200 लोग कोरोना की जद में हैं तो यह तेजी से फैलेगा। यह लोग पूरे शहर की जनसंख्या में कोरोना को फैला सकते हैं। यहां पर स्वस्थ्य और बीमार लोगों के बीच की दूरी का आंकड़ा तेजी बदल सकता है।

330 मिलियन लोग वायरस की जद में होंगे

बीमारी का यह आंकड़ा जगह और आकार के हिसाब से बदलता रहता है। पूरे अमरीका की बात करें तो करीब 330 मिलियन लोग इस वायरस की जद में आ सकते हैं, अगर किसी क्षेत्र से निकले कोरोना वायरस के मरीज पूरे देश में फैलेंगे तो। यह प्रक्रिया धीमी होगी मगर इसमें तेजी से बीमार और स्वस्थ्य लोगों के बीच का आंकड़ा बदलेगा।

लॉकडाउन परिस्थिति से भी बचना संभव नहीं

वहीं लॉकडाउन परिस्थिति से भी इसे रोका नहीं जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार यह साबित हो चुका है कि बीमार जनसंख्या को किसी एक जगह पर सील नहीं किया जा सकता है। अमरीकी हेल्थ कमिश्नर लीना वेन के अनुसार कोई भी प्रशासन पूरी तरह से लॉकडाउन वाली परिस्थिति को लागू नहीं कर सकता है। एक मरीज अपने माता-पिता और रिश्तेदारों से तो मिलने जाएगा ही या खुद उसके रिश्तेदार उसके संपर्क में आ सकते हैं। यह असंभव है कि सभी सड़कों और जगहों को पूरी तरह से बंद किया जाए।

इस तरह से रोक सकते हैं फैलने से

जॉर्ज टाउन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर लॉरेंस ओ गोस्टिन के अनुसार सख्त लॉकडाउन कभी भी कारगर साबित नहीं होगा। हालांकि कुछ और कदम हैं, जिससे कोरोना वायरस को महामारी बनने से रोका जा सकता है। उनका कहना कि मरीजों को प्रोत्साहित किया जाए वह भीड़भाड़ से दूर रहें। वह कम बाहर निकले और दूसरों से एक दूरी बनाकर रखें तो वायरस को फैलने का मौका नहीं मिलेगा। शोधकर्ताओं का दावा है अगर आम जनता अपनी आवाजाही पर लगाम लगाए तो इस महामारी से पूरी तरह से निपटा जा सकता है।