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‘मुस्लिम मन’ जीतेंगे मोदी, 32 लाख परिवारों को ईदी बांटेगी भाजपा

-मुस्लिम अलगाववाद की साजिश को नाकाम करने के लिए मुस्लिम राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने में जुटी बीजेपी -कोर वोटरों को रास नहीं आ रही पहल, फिर भी देशहित में बड़ा दांव चलने जा रही बीजेपी -बिना भेदभाव योजनाओं का लाभ पर पिछले साल अल्पसंख्यक मोर्चा ने किए थे देश भर में शुक्रिया मोदी भाईजान सम्मेलन

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RSS Mohan Bhagwat on BJP

नवनीत मिश्र

नई दिल्ली। देश के आम गरीब मुसलमानों के दिलों को जीतने के लिए भाजपा घर-घर ईदी बांटने जा रही है। पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा ने मंगलवार को दिल्ली से देशव्यापी अभियान की शुरुआत की। 32 लाख मुस्लिम परिवारों को सौगात-ए-मोदी किट बांटी जाएगी। जिसमें सेंवई आदि खाने-पीने के सामान और कपड़े शामिल होंगे। बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शुरू पार्टी के इस अभियान के मायने तलाशे जा रहे हैं। यों तो सोशल मीडिया पर भाजपा के कोर वोटर्स का एक वर्ग इस अभियान की आलोचना कर रहा है, लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि देश में कुछ तत्वों की ओर से चुनिंदा घटनाओं के बहाने वर्ग विशेष को अलगाववाद की राह पर ले जाने की कोशिशों का 'सबका साथ-सबका विकास' की मुहिम से काउंटर हो सकता है। भाजपा और मोदी के लिए देश हित सबसे बड़ा एजेंडा है।

32 हजार मदरसें करेंगे सहयोग

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने 32 हजार मस्जिद-मदरसों को इस अभियान से जोड़ा है। हर मस्जिद या मदरसे की ओर से गरीब और जरूरतमंद मुस्लिम परिवारों की लिस्ट तैयार होगी। फिर उन चिन्हित परिवारों को सौगात-ए-मोदी किट बांटी जाएगी। इसके लिए अल्पसंख्यक मोर्चा के 32 हजार पदाधिकारी लगाए गए हैं। एक पदाधिकारी को कम से कम 100 परिवारों तक मोदी का गिफ्ट बांटने की जिम्मेदारी मिली है। जिला स्तर पर ईद मिलन समारोह भी आयोजित होंगे।

मजबूत होगी गंगा जमुनी तहजीब

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी का कहना है कि जरूरतमंदों को सौगात-ए-मोदी किट वितरित करने से गंगा-जमुनी तहजीब और मजबूत होगी। मुस्लिम ही नहीं बल्कि ईसाई, पारसी आदि अल्पसंख्यकों को भी उनके त्यौहारों पर मोर्चा इस तरह का उपहार वितरित करेगा।

मस्जिदों का दौरा कर बड़े संदेश दे चुके हैं भागवत-मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत पूर्व में मस्जिदों के दौरे कर यह धारणा तोड़ने की कोशिश करते रहे हैं कि भाजपा या उनकी सरकार किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं बल्कि कट्टरता के खिलाफ है। पीएम मोदी ने पिछले साल सितंबर में ब्रुनेई दौरे पर राजधानी बंदर सेरी बेगवान में ऐतिहासिक सुल्तान उमर अली सैफुद्दीन मस्जिद का दौरा किया था तो उससे पहले 2023 में मिस्र की अल-हाकिम मस्जिद भी वे जा चुके हैं। संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत 2022 में दिल्ली के इंडिया गेट के पास स्थित कस्तूरबा गांधी मार्ग की मस्जिद जाकर वहां के इमाम और ऑल मुस्लिम इमाम ऑर्गेनाइज़ेशन के मुखिया उमेर अहमद इलियासी से भेंट कर चुके हैं। बाद में उमेर अहमद ने मीडिया से भागवत को राष्ट्रपति करार देते हुए धार्मिक सद्भाव के प्रयासों की सराहना की थी।

बोहरा और पसमांदा को साधती रही है भाजपा

पीएम मोदी कह चुके हैं कि वोटबैंक की राजनीति करने वालों ने पसमांदा मुसलमानों को तबाह कर दिया है। उनकी अपील पर भाजपा आर्थिक रूप से पिछड़े पसमांदा समाज में व्यापक जनसंपर्क का अभियान चला चुकी है। इसके अलावा दाउदी-बोहरी मुस्लिमों से भी भाजपा जुड़ने की कोशिश करती रही है। प्रधानमंत्री मोदी जहां फरवरी 2023 में मुंबई में बोहरा मुस्लिम समुदाय के कार्यक्रम में भाग लिए थे, वहीं 2018 में वे इंदौर भी इसी समुदाय के कार्यक्रम में जा चुके हैं। गुजरात और महाराष्ट्र् में बोहरा समुदाय की आबादी ज्यादा है।

मुस्लिमों को लेकर संघ प्रमुख के दो बयान

संघ के लिए कोई पराया नहीं है। भागवत ने जोर देकर कहा कि मुस्लिम भी हमसे अलग नहीं हैं, वह भी हमारे हैं। यह देश जितना हमारा है उतना ही उनका है।

  • सभी भारतीयों का डीएनए एक है, पूजा पद्धति के आधार उनमें अंतर नहीं किया जा सकता
  • यूपी-बिहार, राजस्थान सहित 18 राज्यों में पसमांदा मुस्लिमों की है अधिक आबादी
  • देश की कुल मुस्लिम आबादी में 10 प्रतिशत है दाऊदी बोहरा समुदाय की संख्या