scriptPunjab Assembly Elections 2022 : किसान संगठनों की चेतावनी, जो पार्टी रैलियां करेगी किसान विरोधी मानी जाएगी | Punjab Elections: Farmers said to political parties do not hold rally | Patrika News
नई दिल्ली

Punjab Assembly Elections 2022 : किसान संगठनों की चेतावनी, जो पार्टी रैलियां करेगी किसान विरोधी मानी जाएगी

पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 (punjab assembly elections 2022) को लेकर रैलियों और जनसभाओं की तैयारियों में जुटी सभी राजनीतिक पार्टियों को किसान संगठनों ने बड़ा झटका दिया है। दरअसल, किसान मोर्चा ने चुनाव आचार संहिता लागू होने तक पार्टियों को रैलियां और जनसभाओं का आयोजन न करने को कहा है।

नई दिल्लीSep 11, 2021 / 12:30 pm

Nitin Singh

संयुक्त किसान मोर्चा

संयुक्त किसान मोर्चा

नई दिल्ली। पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 (punjab assembly elections 2022) को लेकर रैलियों और जनसभाओं की तैयारियों में जुटी सभी राजनीतिक पार्टियों को किसान संगठनों ने बड़ा झटका दिया है। दरअसल, किसान मोर्चा ने चुनाव आचार संहिता लागू होने तक पार्टियों को रैलियां और जनसभाओं का आयोजन न करने को कहा है। संगठनों का कहना है कि अगर कोई पार्टी रैलियों का आयोजन करता है तो उसे किसान विरोधी करार दिया जाएगा। इसके साथ ही किसान मोर्चा उस आयोजन का विरोध भी करेगा।
किसान आंदोलन को न पहुंचाएं नुकसान

बता दें कि पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 (punjab assembly elections 2022) के मद्देनजर कल राज्य के राजनीतिक दलों ने किसानों संग बैठक की थी। इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा (kisan morcha) ने राज्य के राजनीतिक दलों के लिए अपनी ‘आचार संहिता’ जारी कर दी है। इस दौरान किसान नेताओं ने कहा कि वे चुनाव से छह महीने पहले से ही अपनी गतिविधियां शुरू करके किसान आंदोलन को नुकसान न पहुंचाएं। किसान नेताओं का मानना है कि राज्य में चुनावी रैलियां शुरू हो गईं तो किसान आंदोलन पर सरकार बिल्कुल ध्यान नहीं देगी।
sidhu_meeting_farmer.jpg
किसान नेता ने दी जानकारी

जानकारी के बाद इस बैठक में किसान संगठनों संग कांग्रेस (congress), आप (aap), और अकाली दल (akali dal) के नेताओं ने मुलाकात की थी। वहीं भाजपा को इस बैठक में शामिल होने का न्योता नहीं मिला था। बैठक के बाद किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, ‘बैठक अच्छे माहौल में हुई। हमने अपने काडर से आग्रह किया है कि राजनीतिक पार्टियों का घेराव न करें, लेकिन राजनीतिक पार्टियों को भी यह समझना चाहिए कि चुनाव से छह महीने पहले ही वह अपनी गतिविधियां शुरू करके किसान आंदोलन को नुकसान न पहुंचाएं। यदि किसानों ने विरोध किया तो उसके नुकसान के वह खुद जिम्मेदार होंगे।’

यह भी पढ़ें: पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले किसानों को साधने का प्रयास, किसान संगठनों संग कांग्रेस और अकाली दल की बैठक

बैठक में किसान नेताओं ने राजनीतिक दलों से कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में संसद के सामने धरना दें। पार्टियों ने किसान आंदोलन में सहयोग देने का भी प्रस्ताव दिया, लेकिन राजेवाल ने कहा कि अगर आपको आंदोलन में शामिल होना है तो आप कृषि कानूनों को रद करवाने की मांग पर संसद भवन के सामने धरना दें। इसके साथ ही राजेवाल ने कहा कि पंजाब में ज्यादातर किसानों के संयुक्त खाते हैं। किसानों को लैंड रिकार्ड देने के लिए मजबूर न किया जाए। वहीं सभी राजनीतिक दलों ने किसान नेताओं की सभी सुझावों पर सहमति दी है।

Home / New Delhi / Punjab Assembly Elections 2022 : किसान संगठनों की चेतावनी, जो पार्टी रैलियां करेगी किसान विरोधी मानी जाएगी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो