
नई दिल्ली. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने कहा कि सरकार वक्फ एक्ट में संशोधन कर वक्फ बोर्ड की शक्तियां कम कर वक्फ संपत्तियों को हड़पने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन व एनडीए के अलग-अलग दलों के नेताओं से उनकी मुलाकात हो रही है। इस दौरान एनडीए के सहयोगी दल जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू से भी मुलाकात की है। रहमानी ने दावा किया नीतीश व नायडू भी वक्फ एक्ट में संशोधन के खिलाफ है।
रहमानी ने यह बातें गुरुवार को कांस्टीट्यूशन क्लब में पत्रकार वार्ता में कहीं। वक्फ एक्ट में संशोधन को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलेमा ए हिंद ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहीं। रहमानी ने कहा कि वक्फ एक्ट में वैसे तो बदलाव की जरूरत नहीं थी। यदि करना भी था तो कम से कम इससे प्रभावित पक्ष से बात तो की जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि इस एक्ट के बाद यदि कोई दिल्ली की जामा मस्जिद के लिए आज सबूत मांगे तो क्या ये सही होगा, तिरुपति को लेकर कोई सबूत मांगे तो क्या ये ठीक होगा। वक्फ बोर्ड में सदस्यों के बढ़ाने के नाम पर दो गैर मुस्लिम को शामिल करने की कोशिश की गई है। ये पूरी तरह से गलत है। उन्होंने सवाल किया कि जब हिंदू मंदिरों के ट्रस्ट, मठों में सिर्फ हिंदू ही सदस्य और गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी में सिर्फ सिख ही सदस्य हो सकते हैं तो फिर वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम सदस्य क्यों बनाए जा रहे हैं। वहीं जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि इलेक्शन के लिए नफरत को पैदा करें ये किसी भी देश के लिए खतरनाक है। उन्होंन कहा कि कांग्रेस या इंडिया गठबंधन ने जो बात कही थी कि हम सबको अपने धर्म को मनाने का स्वागत होगा। इसे अमन शांति बनी रहेगी। मदनी ने कहा कि जो बिल आया है वो हमें मंजूर नहीं है। ये बिल वापस होना चाहिए। अगर कमेटी ने बुलाया तो हम सभी लोग जरूर जाएंगे।
मौलाना खालिद सैफुल्ला रहमानी ने कहा कि वक्फ बोर्ड को लेकर कई तरह की अफवाह फैलाई गई है। किसी भी संपत्ति को वक्फ बताने व महिलाओं का प्रतिनिधित्व नहीं होने की बात कहीं गई है। जबकि इसमें कोई सच्चाई नहीं है। वक्फ के पुराने कानून में ही वक्फ बोर्ड में दो महिला सदस्यों का प्रावधान मौजूद है।
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर संसदीय समिति की पहली बैठक भी गुरुवार को हुई। इस समिति में लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सदस्य हैं। गौरतलब है कि सरकार ने संसद के बजट सत्र में इस विधेयक को पेश किया था और आगे की जांच के लिए इस विधेयक को जेपीसी को भेजा था।
Updated on:
23 Aug 2024 02:49 pm
Published on:
23 Aug 2024 02:47 pm
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