राजधानी में वायु प्रदूषण के रियल टाइम सोर्स की पहचान के लिए दिल्ली सरकार के दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) द्वारा आईआईटी (IIT) कानपुर, आईआईटी (IIT) दिल्ली और द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (TERI) के साथ 'रीयल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी' पर काम किया जा रहा है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को इस स्टडी की प्रगति पर समीक्षा बैठक की।
रीयल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी' के तहत स्टेट ऑफ द आर्ट एयर एनालाइजर और एक मोबाइल एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन के जरिए वातावरण में मौजूद विभिन्न कणों के कई स्तर को मापेगा। इन सभी डेटा को सुपरसाइट के जरिए पता लगाया जाएगा। बैठक में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, पर्यावरण मंत्री की सलाहकार रीना गुप्ता, पर्यावरण विभाग और डीपीसीसी के अधिकारी और इस स्टडी का नेतृत्व कर रहे आईआईटी कानपुर के प्रो मुकेश शर्मा और उनकी टीम शामिल हुई। इस संबंध में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वायु प्रदूषण के स्रोतों की वास्तविक समय के आधार पर पहचान अब दिल्ली में शुरू हो गई है। दिल्ली सरकार और आईआईटी कानपुर का रीयल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी दिल्ली को प्रदूषण संबंधी आंकड़ों से सक्रिय तरीके से निपटने में मदद कर रहा है। हमने अधिकारियों को अध्ययन के निष्कर्षों के आधार पर प्रदूषण को कम करने के लिए तुरंत कार्रवाई करने का आदेश दिया है। दिल्ली सरकार विश्लेषण को केंद्र सरकार द्वारा गठित कमीशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) के समक्ष रखेगी। जिससे केंद्र भी समस्या पर कार्रवाई कर सके। सीएम ने सितंबर में इस साल के विंटर एक्शन प्लान के तहत इस स्टडी की घोषणा की थी।
पीएम 2.5 के विभिन्न सोर्स की होगी पहचान
इस स्टडी प्रोजेक्ट को 1 नवंबर 2022 से शुरू कर दिया गया है और प्रदूषण व अन्य कणों का विभिन्न इंडीकेटर्स से संबंधित डेटा उपलब्ध कराया जा रहा है। इनमें वास्तविक समय प्रति घंटे के आधार पर पीएम 2.5 के विभिन्न स्रोतों की पहचान, कुल पीएम-2.5 का तीन दिन का प्रति घंटा पूर्वानुमान और साथ ही पीएम-2.5 के विभिन्न स्रोत शामिल है। डेटा वास्तविक समय के आधार पर सरकार को प्रदूषण के स्रोतों (जैसे वाहनों का निकास, धूल, बायोमास जलाना और इंडस्ट्री से फैलने वाले प्रदूषित कण) की सही पहचान करने में मदद करेगा। इस स्टडी के तहत सुपरसाइट के सहयोग से विभिन्न प्रकार के प्रदूषित कणों का डेटा उपलब्ध होगा। यह एयर पॉल्यूशन का घंटों में, रोज और साप्ताहिक आधार पर पूर्वानुमान लगाने में मदद करेगा। इससे दिल्ली के प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा कई सक्रिय कदम उठाने में सहयोग मिलेगा। साथ ही प्रदूषण नियंत्रण के मानदंडों को सुनिश्चित भी किया जा सकेगा। दिल्ली में मोबाइल वेन के जरिए एयर पॉल्यूशन की रीडिंग और अन्य सोर्स कई जगहों से कैप्चर किए जाएंगे। जिससे स्टडी के लिए डेटा उपलब्ध होगा।