नई दिल्ली

मूल स्वरूप में दमकता रहेगा ‘प्राचीन गौरव!’

- पुराने संसद भवन को किया जाएगा संरक्षित

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May 25, 2023

नई दिल्ली। नए संसद भवन के उद्घाटन से पहले आम लोगों में भी जिज्ञासा है कि अंग्रेजों के जमाने में पुराने संसद भवन का अब क्या होगा? हालांकि सरकार की ओर से आधिकारिक तौर पर इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन जानकारों का कहना है कि इस पुरातात्विक इमारत को ढहाने की बजाय इसे संरक्षित किया जाएगा। सम्भव है इसे संग्रहालय बना दिया जाए ताकि लोग देश के संसदीय इतिहास से रूबरू हो सकें। सेंट्रल विस्टा रीडवलपमेंट प्रोजेक्ट में भी मौजूदा संसद भवन के नवीनीकरण का काम शामिल है।

वैसे यह बात साफ है कि नया भवन शुरू हो जाने के बाद भी पुराने भवन को पूरी तरह खाली होने में अभी साल से डेढ़ साल तक का वक्त लग सकता है। कारण कि अब भी पुराने भवन में विभिन्न राजनीतिक दलों के संसदीय कार्यालय, संसदीय समितियों के प्रमुखों के चैम्बर व सचिवालय, प्रशासनिक कार्यालय आदि चल रहे हैं। नए भवन में इन्हें स्थान आवंटन में अभी समय लगेगा। ऐसे में फिलहाल पुराना संसद भवन भी काम आता रहेगा। इस दौरान सरकार कोई न कोई फैसला कर लेगी। शहरी विकास मंत्री के मार्च 2021 में राज्यसभा में पेश जवाब के अनुसार संसद का नया भवन बन जाने के बाद पुराने भवन की मरम्मत करवा कर इसका वैकल्पिक इस्तेमाल किया जाएगा, लेकिन इस पर सरकार ने व्यापक विचार नहीं किया है।

ऐतिहासिक भवन के रोचक तथ्य

-काउंसिल हाउस कहते हैं पुराने संसद भवन को
-पहले इसमें थी इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल
-ब्रितानी वास्तुकार सर एडविन लुटियंस व हर्बर्ट बेकर ने किया था डिजाइन
-12 फरवरी 1921 को 'द ड्यूट ऑफ कनॉट' ने रखी थी नींव
-83 लाख रुपए आई थी लागत
-18 जनवरी 1927 को वायसराय लार्ड इर्विन ने किया था उद्घाटन
-19 जनवरी 1927 को हुई थी इसमें पहली बैठक
-144 स्तम्भ और 12 गेट हैं पुराने भवन में

Published on:
25 May 2023 09:46 pm
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