
सुप्रीम कोर्ट ने 30 लाख रुपये के सेटलमेंट पर खत्म कर दी पति-पत्नी की शादी।
Supreme Court: देश की सर्वोच्च अदालत ने अनुच्छेद 142 का इस्तेमाल करते हुए पति-पत्नी के बीच रिश्ते को खत्म करने का आदेश दिया है। मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पति-पत्नी का रिश्ता पूरी तरह से टूट चुका है। अब इसे जारी रखना किसी भी हाल में संभव नहीं है। इसलिए न्यायहित में इस शादी को भंग करना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश तब जारी किया, जब पति-पत्नी ने संयुक्त रूप से याचिका दायर कर 30 लाख रुपये के सेटलमेंट पर आपसी समझौते का आवेदन दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने पति-पत्नी के सेटलमेंट और आपसी समझौते के आवेदन को स्वीकार कर लिया। साथ ही पति-पत्नी द्वारा एक-दूसरे पर दर्ज कराए सभी आपराधिक और दीवानी मामलों को भी खत्म कर दिया। मामला उत्तर प्रदेश से जुड़ा था, जिसमें पति बाबूराम गौतम और उनके परिवार के सदस्यों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मामले पर सुनवाई जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ ने करते हुए फैसला सुनाया।
दरअसल, इस मामले की शुरुआत उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित महिला थाने में दर्ज एक आपराधिक मुकदमे से हुई थी। इस मामले में शिकायकर्ता पत्नी थी, जिसने पति और उसके परिजनों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। इसके बाद मामला अदालतों में चलता रहा। इस बीच पति ने हाईकोर्ट में दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 482 के तहत आवेदन देकर मामले को खत्म करने की मांग की, लेकिन हाईकोर्ट ने आवेदन खारिज कर दिया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां नौ सितंबर 2025 को पति-पत्नी ने संयुक्त रूप से कोर्ट को सूचित किया कि उनके बीच समझौते की बातचीत चल रही है।
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान यह पता चला कि पति और पत्नी के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। इसके चलते दोनों अलग-अलग रहते हैं। 9 सितंबर को सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने कोर्ट को बताया कि वे आपसी समझौते का प्रयास कर रहे हैं। इसके बाद दोनों ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शादी खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक संयुक्त आवेदन दाखिल किया। इसके बाद 18 दिसंबर 2025 को मामले की सुनवाई के दौरान पति-पत्नी कोर्टरूम में मौजूद रहे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को संयुक्त रूप से बताया कि 30 लाख रुपये के सेटलमेंट अमाउंट पर दोनों शादी खत्म करने के लिए तैयार हैं। पति ने पत्नी के वकील को 15-15 लाख के दो डिमांड ड्राफ्ट भी दिए। कोर्ट ने इसे अपने रिकॉर्ड में ले लिया।
सुप्रीम कोर्ट में पति-पत्नी के बीच हुए इस समझौते की खास बात ये रही कि सुप्रीम कोर्ट ने दोनों से शादी खत्म करने के लिए दो वचन भी लिए, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के रिकॉर्ड में रखा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में फैसला सुनाते हुए कहा "पार्टियां यहां अंडरटेकिंग देती हैं कि वे सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से एक-दूसरे और उनके परिवार के सदस्यों से संबंधित सभी फोटो/वीडियो हटा देंगी और यह भी वचन देती हैं कि वे भविष्य में किसी भी सोशल मीडिया पोर्टल पर एक-दूसरे या एक-दूसरे के परिवार के सदस्य का कोई भी फोटो/वीडियो अपलोड नहीं करेंगी।" सर्वोच्च अदालत ने इस अंडरटेकिंग को अपने आदेश का हिस्सा बनाया।
लॉ ट्रेंड के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान यह भी देखा कि पति-पत्नी के बीच कई आपराधिक और दीवानी मामले चल रहे हैं, जो फिलहाल लंबित हैं। इनमें मारपीट, चोरी, धमकी जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं। इतना ही नहीं, दोनों के खिलाफ हिंदू विवाह अधिनियम के तहत भी एक मुकदमा दर्ज था। कोर्ट ने समझौते को स्वीकार करते हुए आदेश दिया कि जैसे ही इस फैसले की प्रमाणित प्रति संबंधित अदालतों में पेश की जाएगी, सभी केस बंद कर दिए जाएंगे। अदालत ने कहा "यह रिश्ता पूरी तरह से टूट चुका है और इसे बचाने की कोई संभावना नहीं है। इसलिए अनुच्छेद 142 के तहत विशेष अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पति-पत्नी का विवाह खत्म किया जाता है।" इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री को विवाह विच्छेद की डिक्री तैयार करने का निर्देश दिया और सभी लंबित आवेदनों का निपटारा कर दिया गया।
Published on:
25 Dec 2025 06:49 pm
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