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भारत बंद: आधा दिन बंद रही दुकानें, दस करोड़ रुपए का नुकसान

- तोड़फोड़ की आंशका पर व्यापारियोें ने स्वत: बंद रखी दुकानें, बाजार एरिया में लॉकडाउन जैसे हालात

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श्रीगंगागर। इलाके में भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला। सुबह से लेकर दोपहर ढाई बजे तक बाजार एरिया में लॉक डाउन जैसे हालात रहे। तोड़फोड़ की आंशका को लेकर व्यापारियों ने अपने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। वहीं शिक्षण संस्थाओं, कोचिंग सैंटरों में छुट़टी रही। इस बंद से आवश्यक सेवाओं यानी एम्बुलेंस, अस्पताल, मेडिकल स्टोर, दूध डेयरी आदि को बाहर रखा गया। उधर, राजस्थान रोडवेज की बसों के पहिए दोपहर दो बजे तक थमे रहे। हालांकि धानमंडी में कृषि जिन्सों की बोली और सब्जी मंडी में सब्जी व फलों की बोली हुई लेकिन ग्राहकी नजर नहीं आई। बंद समर्थक भीम आर्मी और एसएसीएसटी संगठन से जुड़े लोग सुबह से बाइक पर बाजार एरिया में बंद करने के लिए रैली बनाकर घूमते हुए दिखाई दिए। संयुक्त व्यापार मंडल के पदाधिकारियों का दावा है कि बाजार बंद रहने से करीब दस करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ हैं। यह आर्थिक नुकसान इससे भी अधिक हो सकता है। सुबह दुकानों और शोरूम पर काम करने वाले कारीगर, सैल्समैन और स्टाफ नहीं आया। दोपहर करीब तीन बजे बाजार एरिया की महज तीस प्रतिशत दुकानें खुली लेकिन यहां ग्राहकी गायब रही। भारत बंद के माहौल में राजस्थान रोडवेज की बसों की आवाजाही दोपहर दो बजे के बाद शुरू हो पाई, ऐसे में केन्द्रीय बस स्टैंड पर सन्नाटा पसरा रहा। वही रेलवे स्टेशन पर सामान्य दिनों की तरह रौनक गायब रही।

नोक झोक और तकरार

सुखाडि़या सर्किल पर एक शोरूम के संचालक ने अपना शोरूम बंद नहीं किया। वहां बंद समर्थकों की टोलियां आई तो शोरूम संचालक से नोक झोंक हुई। इस संचालक ने भारत बंद का समर्थन करने से इंकार कर दिया। तकरार होने पर मामला बिगड़ता देखा तो वहां पुलिस दल से महिला थाना की एसएचओ ज्योति नायक और कोतवाली के एसआई रामेश्वरलाल की समझाइश से इस शोरूम का शट़टर आधा नीचे गिराया तो बंद कराने वाली टोलियां वापस लौट गई।

टैम्पो और बसों का संचालन लेकिन सवारियां नहीं

शहर में इस बंद से आटो यूनियन का समर्थन नहीं था। टैम्पों चालकों को सवारियां नहीं मिली। वहीं लोक परिवहन की बसों में भी सवारियां कम नजर आई। बाजार बंद और शिक्षण संस्थाओं में छुटटी होने की ज्यादा मार टैम्पों चालकों पर पड़ी। किराये के टैम्पों लेकर संचालन कर रहे चालकों को दिहाड़ी भी नहीं बनी। यही हाल सब्जी मंडी एरिया का था। यहां भी फलों और सब्जी की रेहडियां नजर नहीं आई। हालांकि शाम को इन रेहडियों पर ग्राहकी की रोनक लौटी।

इन इलाकों में भी रहा असर

पुरानी आबादी के उदाराम चौक, ताराचंद वाटिका वाली रोड, मिनी मायापुरी मार्केट, दुर्गा मंदिर मार्केट एरिया, अग्रसेनगर एरिया, ब्लॉक एरिया, सेतिया कॉलोनी एरिया, शिव चौक एरिया, चहल चौक एरिया, सुखाडि़या सर्किल एरिया, मीरा चौक क्षेत्र, एसएसबी रोड एरिया, करणपुर रोड मार्केट एरिया में भी बंद का व्यापक असर रहा। पुलिस की खुफिया टीमों ने जबरन बंद कराने वाली टोलियों पर नजरें रखी।

मिठाईयों की दुकानें बंद, बनी नहीं खाद्य सामग्री

त्यौहारी सीजन के बावजूद मिठाइयों की दुकानें बंद रहने से कारीगर और वहां काम करने वाले स्टाफ ठाले बैठे रहे। खाद्य सामग्री नहीं बनने के कारण दोपहर बाद खुली इन दुकानों पर ग्राहकीकम रही। खाने पीने के शौकीनों के लिए भी यह बंद आफत लेकर आया। कॉफी की दुकानें पर भी बंद का असर रहा। इधर, भारत बंद को देखते हुए बार संघ ने वर्क सस्पैंड रखा। इस कारण अधिवक्ताओं ने अदालती कामकाज का बहिष्कार किया। बार संघ अध्यक्ष विजय चावला ने बताया कि दूर दराज से पक्षकारों के नहीं आने की संभावना को देखते हुए वर्क सस्पैंड कर दिया।