
भिण्ड. अटेर क्षेत्र के पाली और आकौन गांव के ग्रामीण दस दिन से मगरमच्छ के भय से दहशत में हैं। फारेस्ट विभाग की टीम ने राजस्थान से ङ्क्षपजरा मंगाकर पाली गांव के तालाब से एक मगर को रेस्क्यू कर पकड़ लिया है, वहीं आकौन गांव में अभी भी ग्रामीण मगरमच्छ से भयभीत हैं। सुरक्षा की ²ष्टि से तालाब किनारे चेतावनी बोर्ड लगाकर एक-एक वनरक्षक की चौबीस घंटे ड्यूटी लगाई गई है।
बता दें वन विभाग ने पाली गांव में सोमवार की शाम तालाब के किनारे दो जाल रख दिए थे। जाल के अंदर मृत मुर्गा टांग दिया था। जैसे ही मगर अपने शिकार की तलाश में लोहे के जाल के अंदर आया वह कैद हो गया। फारेस्ट टीम ने सुबह ङ्क्षपजरे को कब्जे में लिया। डीएफओ मोहम्मद माज और रैंजर बसंत शर्मा पाली गांव में पहुंचे। अधिकारियों ने मगर को सुरक्षित चंबल नदी में छुड़वा दिया है।
पिछले दस दिन पूर्व पाली और आकौन गांव में ग्रामीणों ने मगरमच्छ देखे थे। इसकी शिकायत वन विभाग के अधिकारियों से की, लेकिन जाल न होने के कारण रेस्क्यू में देरी हो रही थी। लेकिन दो दिन पूर्व ही राजस्थान से वन विभाग ने जाल मंगवाए हैं। पाली में मगर पकडऩे के बाद अब आकौन गांव में तालाब के किनारे ङ्क्षपजरा रखा गया हैं। रैंजर बसंत शर्मा ने आकौन में ग्रामीणों को तालाब से दूर रहने के लिए वनरक्षकों की ड्यूटी लगाई है। चेतवनी बोर्ड भी लगा है, जिससे लोग तालाब के आसपास न जाएं। दोनों ही गांव के तालाबों में मगर चार से पांच फीट लंबे हैं। ग्रामीणों के मुताबिक दस दिन पूर्व ही देखे गए थे, और दोनों ही गांव के लोगों ने एक ही दिन वन विभाग के अधिकारियों को शिकायत की थी। उसके बाद अधिकारियों ने सुरक्षा लगा दी।
ग्रामीणों ने सूचना दी थी कि तालाबों में मगरमच्छ हैं। जानकारी लगते ही चेतावनी बोर्ड लगाकर वनरक्षक तैनात किए थे। पाली गांव से मगर को रेस्क्यू किया है, आकौन में भी जाल रखे हैं।
बसंत शर्मा, रेंंजर वन विभाग भिण्ड
Updated on:
30 Jul 2024 11:41 pm
Published on:
30 Jul 2024 11:39 pm
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