Territorial Army Lieutenant Colonel Salary: भारत के ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट और स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) को हाल ही में टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल की उपाधि दी गई है।
Territorial Army Lieutenant Colonel Salary: भारत के ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट और स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) को हाल ही में टेरिटोरियल आर्मी (प्रादेशिक सेना) में लेफ्टिनेंट कर्नल की उपाधि दी गई है। टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल का पद काफी प्रतिष्ठित होता है। आइए, जानते हैं के इस पद पर काम करने वाले व्यक्ति को क्या सैलरी मिलती है। साथ ही उन्हें किस तरह की सुविधाएं दी जाती हैं।
हरियाणा के पानीपत जिले में खंडरा गांव से आने वाले नीरज चोपड़ा अभी सिर्फ 27 साल के हैं। इतने कम समय में उन्होंने अपने काम और मेहनत से कई उपलब्धियां हासिल कर ली हैं। नीरज ने 2020 टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था, जिसके बाद बच्चा बच्चा भी उन्हें जानने लगा। 2024 में पेरिस ओलंपिक खले में सिल्वर मेडल जीता और वर्ल्ड एथलेटिक्स 2023 चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीता। टेरिटोरियल आर्मी में आने से पहले नीरज भारतीय सेना में सूबेदार मेजर (Subedar-Major) थे। इस साल वे इस पद से रिटायर होने वाले थे। हालांकि, अब उन्होंने टेरिटोरियल आर्मी ज्वॉइन कर लिया है।
इस पद नीरज चोपड़ा को मासिक वेतन के तौर पर करीब 1 लाख से 1.5 लाख रुपये प्रति महीने दिए जाएंगे। इसके अलावा उन्हें कई अन्य सुविधाएं भी दी जाएंगी। टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल पद के कैंडिडेट्स को इतनी ही सैलरी मिलती है। वहीं इसके अलावा उन्हें मिलिट्री सर्विस पे, फील्ड एरिया अलाउंस, स्पेशल फोर्स अलाउंस, यूनिफॉर्म अलाउंस, डीए, एचआरए, ट्रांसपोर्ट अलाउंस जैसी सुविधाएं भी दी जाती हैं। हालांकि, ये सैलरी तब तक ही दी जाती है जब तक कि कैंडिडेट्स ऑन ड्यूटी हों या उन्हें किसी स्पेशल सर्विस पर बुलाया जाए।
अधिनियम 1948 के तहत 1949 में टेरिटोरियल आर्मी की स्थापना की गई थी। यह नियमित सेना के लिए एक पूरक बल के रूप में कार्य करता है। प्राकृतिक आपदाओं और आपात स्थितियों के दौरान यह बल एक्टिव हो जाता है। टेरिटोरियल आर्मी उन लोगों के लिए है जो अन्य क्षेत्र में पेशेवर हैं और देश के लिए अपनी सेवा देना चाहते हैं। यह अंशकालिक (Part Time) नौकरी है, जिसमें जवानों को साल में कुछ सप्ताह और महीने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। इनकी ट्रेनिंग रेगुलर नहीं होती है। टेरिटोरियल आर्मी को केवल विशेष परिस्थितियों में एक्टिव किया जाता है। जैसे कि आंतरिक सुरक्षा (Internal Security), आपदा प्रबंधन और युद्ध जैसी स्थिति में इन जवानों की फोर्स को एक्टिव किया जाता है।