
Date of application for Gargi and Girl Child Incentive Award amount extended till January 15
हनुमानगढ़. जिले से लेकर प्रदेश भर में गार्गी व बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार राशि के लिए अपेक्षित तादाद में आवेदन नहीं आने के कारण बार-बार आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ानी पड़ रही है। पहले आवेदन की आखिरी तारीख 31 दिसम्बर थी जिसे बढ़ाकर अब 15 जनवरी कर दिया गया है। इसकी वजह यह है कि जिले में सैकड़ों और प्रदेश में हजारों पात्र बालिकाओं ने पुरस्कार राशि के लिए अब तक आवेदन नहीं किया है। प्रदेश में अब तक करीब 65 प्रतिशत बालिकाओं ने ही आवेदन किया है।
शेष 35 प्रतिशत से आवेदन कराने के लिए ही बालिका शिक्षा फाउंडेशन को आवेदन की अंतिम तारीख बढ़ानी पड़ रही है ताकि कोई भी पात्र बालिका पुरस्कार राशि से वंचित नहीं रहे। क्योंकि उपरोक्त पुरस्कार बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए दिए जाते हैं, ऐसे में यही प्रयास किया जा रहा है कि सभी पात्र बालिकाओं को पुरस्कार राशि मिल जाए। एडीईओ माध्यमिक मुख्यालय रणवीर शर्मा ने बताया कि गार्गी प्रथम किस्त व द्वितीय किस्त तथा बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार राशि वास्ते आवेदन के लिए अंतिम तिथि 31 दिसम्बर से बढ़ाकर 15 जनवरी कर दी गई है। संस्था प्रधान अपने संस्थान की चयनित बालिकाओं के शीघ्रता से आवेदन करवाए ताकि कोई भी मेधावी बालिका पुरस्कार राशि से वंचित ना रहे।
जानकारी के अनुसार शिक्षा सत्र 2023-24 के गार्गी प्रथम किस्त व बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार राशि तथा सत्र 2022-23 की गार्गी पुरस्कार की द्वितीय किस्त के लिए आवेदन की प्रक्रिया चल रही है। जिले में पिछले माह के आखिरी तक शिक्षा सत्र 2023-24 के गार्गी पुरस्कार की प्रथम किस्त के लिए तीन हजार से अधिक आवेदन और बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार राशि के लिए चार हजार से अधिक आवेदन जमा हुए हैं। जबकि शिक्षा सत्र 2022-23 की गार्गी पुरस्कार की द्वितीय किस्त के लिए करीब 1800 आवेदन किए गए हैं, यह संख्या गत वर्ष की प्रथम किस्त की तुलना में आधी भी नहीं है। इसका मतलब है कि अभी भी सैकड़ों बालिकाएं आवेदन से वंचित हैं।
निदेशालय से 75 प्रतिशत या इससे अधिक प्राप्तांक वाली चयनित बालिकाओं की जो सूची जिला स्तर पर शिक्षा विभाग को मिली है, उनमें दर्जनों की संख्या में संबंधित छात्रा या अभिभावक के मोबाइल फोन नम्बर तथा उसके विद्यालय का नाम अंकित नहीं है। ऐसे में आवेदन से वंचित बालिकाओं से संपर्क करना मुश्किल हो रहा है तथा चयन सूची के हिसाब से अपेक्षानुरूप आवेदन नहीं हुए हैं। ज्ञात रहे कि चयनित बालिकाओं की पुरस्कार राशि के लिए ऑनलाइन आवेदन तथा प्रमाण पत्र डाउनलोड कराने की सम्पूर्ण जिम्मेदारी स्वयं की होती है। ऐसे में जागरुकता की कमी के चलते छात्राएं पुरस्कार से वंचित हो रही हैं। प्रदेश भर में यह स्थिति रहती है कि गार्गी पुरस्कार की प्रथम किस्त की तुलना में द्वितीय किस्त हासिल करने वाली छात्राओं की संख्या बीस से चालीस प्रतिशत तक घट जाती है। यदि कोई छात्रा प्रथम किस्त नहीं ले पाती है तो उसको अगले साल द्वितीय किस्त भी नहीं दी जाती है।
Updated on:
04 Jan 2025 12:34 pm
Published on:
04 Jan 2025 12:33 pm
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