20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पेड़ के तने में स्थापित 300 साल पुराना अनोखा शिव मंदिर, इसे देख वैज्ञानिक भी हैं हैरान

पेड़ के तने में स्थापित 300 साल पुराना अनोखा शिव मंदिर, इसे देख वैज्ञानिक भी हैं हैरान

2 min read
Google source verification

भोपाल

image

Tanvi Sharma

Nov 16, 2018

jagrameshwar shiv mandir

रहस्यों से भरे हमारे देश में कई रहस्य छुपे हैं, इस रहस्यों के सामने विज्ञान भी अपने घुटने टेक देता है। ऐसा ही एक अनोखा मंदिर निमाजगढ़ में स्थित है, जो की लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। भगवान शिव का यह अद्भुत मंदिर जगरामेश्वर नाम से प्रसिद्ध है। यह अद्भुत मंदिर बड़ और पीपल के पेड़ पर बना है। जी हां, यह मंदिर बड़ और पीपल के पेड़ पर बना यह मंदिर करीब तीन सौ साल पुराना है। लोग यहां शिव जी पूजा-पाठ व मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आते हैं। दक्षिण भारतीय शैली से बना यह मंदिर श्रृद्धालुओं को अपनी एर आकर्षित करता है। यहां भक्तों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन शिवरात्रि व सावन माह में मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है। पीपल व बड़ का अजब संजोग पुरातन मंदिर बड़ व पीपल के पेड़ की जड़ों पर स्थित है। एक ही जगह बड़ व पीपल का होना भी लोगों को आश्चर्यचकित करता है। सभी श्रद्धालुओं को दर्शन कर यहां शांति महसूस करते हैं।

बड़ व पीपल के पेड़ के तने से हुआ है मंदिर का निर्माण

मंदिर निर्माण को लेकर एक कहानी प्रचलित है, यहां एक पुजारी तपस्या में लीन थे। इसी दौरान उन्हें ऊपर से एक मंदिर गुजरने का आभास हुआ। पुजारी ने अपनी तपस्या के बल पर मंदिर को वहीं उतार लिया और जगराम दुर्ग की पोळ के पास स्थापित किया गया। ऐसा माना गया है कि मंदिर पेड़ पर उतरा गया था। इसके बाद वि. सं. 1765 में इस मंदिर में महादेव की मूर्ति स्थापित कर उसका नाम जगरामेश्वर रखा। मंदिर में शिव परिवार की स्थापना की गई। मंदिर करीब 20 से 25 फीट की ऊंचाई पर है। मंदिर में जाने के लिए सीढियां बनीं है। पूरे मंदिर का निर्माण दोनों पेड़ों के तने पर किया हुआ है। पेड़ों की शाखाएं मंदिर के चारों और लिपटी हुई है।